“झारखंड की राजधानी रांची में एटीएस (एंटी टेरिरिस्ट स्क़वायड) की टीम ने सिम बॉक्स चला रहे एक रैकेट का बड़ा खुलासा किया है। रांची के कांटा टोली और कांके रोड में छापा मारकर पुलिस ने 2 लोगों को हिरासत में लिया है…..”
रांची स्थित दोनों सेंटरों पर सिम बॉक्स को फिक्स कर मोबाइल के फोन कॉल को बायपास किया जा रहा था। जांच में यह पता चला कि एक ही व्यक्ति के नाम पर 10 हज़ार एयरटेल के पोस्टपेड सिम कार्ड इश्यू किये गए थे।
सिम बॉक्स के संचालकों ने खुद के ठिकाने पर एयरटेल 4जी का टॉवर भी लगाकर रखा था ताकि इनके कॉल को कोई ट्रेस भी नहीं कर सके।
हिरासत में लिए गए लोग सिर्फ वहां के कर्मचारी हैं। जबकि इनका मुख्य सरगना दिल्ली में बैठा है। इस सिम बॉक्स से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अरब कंट्री में बातचीत की जाती थी और सन्देश भेजे जाते थे।
जानकारी के मुताबिक इंटलीजेंस की सूचना को ये रैकेट लीक किया करता था। साथ ही धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाले मैसेज को भी वायरल करता था। हालाँकि पुलिस अभी इस मामले की जांच कर रही है।
क्योंकि सिम बॉक्स के संचालकों की तलाश इंटरपोल भी कर रही थी। इसी सिम बॉक्स का इस्तेमाल चुनाव में भी गलत ढंग से किया जा सकता था।
आखिर क्या है सिम बॉक्स रैकेट ?
SIM बॉक्स की मदद से कॉल को बायपास किया जाता है। कोई कॉल इंटरकनेक्ट प्रोवाइडर से होकर PLIMN (Public Land Mobile Network) इंटरनेशनल गेटवे पर जाता है। फिर वहां से इंटरनेशनल कॉल को सिम बॉक्स की मदद से लोकल कॉल में कन्वर्ट कर दिया जाता है।
कॉल कन्वर्ट करने का फायदा ये होता है कि मार्केट रेट पर कॉल चार्ज न लगकर लोकल कॉल का चार्ज लगता है। सिम बॉक्स से एक साथ कई जगह मैसेज भी भेजा जा सकता है।
रांची में पड़े छापे में जहाँ 10 हज़ार सिम कार्ड का सिम बॉक्स बरामद हुआ है, वहां से एक साथ 50 हज़ार लोगों को मैसेज भेजा जा सकता था।
फ़िलहाल एटीएस इस मामले में हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ कर रही है। पूछताछ में पुलिस को कई लिंक मिले हैं, जिसके आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी।