ओरमांझी (मुकेश भारतीय )। इस साल एनएच 33 फोरलेन सड़क को लेकर विभागीय विभागीय उदासीनता और लापरवाही की पराकाष्ठा दिख रही है। नेवरी (विकास) से चुट्टुपालु घाटी तक की बात करें तो सड़क के रख-रखाव और उसकी सुरक्षा कारणों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
पिछले कई दिनों के आंधी-पानी में एनएच 33 फोरलेन के बीच जहां-तहां डिवाइडर पर लगे उंचे-उंचे बिजली के अनेक वाइपर लाइट पोल झुक गये हैं। उनके कभी भी गिरने से एक बड़ा हादसा हो सकता है। सबसे बड़ा खतरा रात्रि काल में है। उसमें शाम से सुबह तक 440 करेंट प्रवाहित होता है। चकला मोड़ के पास एक पोल तो इस अवस्था में है कि वह सिकिदीरी-नामकुम हाईटेंसन लाइन की ओर सटते हुए कभी भी गिर सकता है।
आलावे इस वर्ष विभाग को न तो सड़क किनारे बने जानलेवा गढ्ढों की सुध है और न ही दोनों किनारे कचरों और मिट्टी के ढेरों को हटाने की व्यवस्था की गई। जो कि हादसों को खुला आमंत्रण दे रही है। अमुमन इन जगहों पर हादसे होते ही रहते हैं।
अनेक जगहों पर सड़क किनारे या फिर बीच सड़क पर ही वारिश के पानी की निकासी की कोई व्यवस्था भी नहीं दिख रही है। अनेक स्थानों पर लोगों के घरों का पानी सड़क पर जमा होता है या फिर सड़क का पानी लोगों के घरों में घुसता है। ओरमांझी ब्लॉक चौक के पास फोरलेन सड़क से बरसात का पानी निकालने की अभी तक कोई ठोस व्यवस्था नहीं की जा सकी है। यहां जल निकासी के लिए जो नाली का निर्माण किया गया है, उसमें इतनी अनियमियता बरती गई है कि हल्की बारिश में ही वह नकारा बन जाती है।