एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। मोतियाबिंद एक आम बीमारी है। इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को सब कुछ एक साथ साफ नजर नहीं आता है। बढ़ने पर बिल्कुल दिखाई नहीं देता है। और लगता है कि नालंदा जिले के चंडी थाना पुलिस को यही बीमारी हो गया है। बिना चश्मा उसे उसे साफ-साफ नहीं दिखता है….
हिलसा न्यायालय कार्यपालक दंडाधिकारी लालिमा कुमारी ने पत्रांक- 110, दिनांक-26.07.2018 को चंडी थानाध्यक्ष को विषयगत वाद संख्या- 25एमपी/213एम/2015, दफा 145 मामले में यथास्थिति बनाये रखने का आदेश देते हुये वस्तुस्थिति की जांच प्रतिवेदन देने का आदेश दिया था।
इस आदेश पर चंडी थानाध्यक्ष मुकेश कुमार ने पुअनि मुकेश चौधरी द्वारा तैयार जो जांच प्रतिवेदन अग्रसरित किया है, वह संबंधित न्यायालय को गुमराह करने वाली पूर्णतः झूठा प्रतीत होता है।
हिलसा अनुमंडल पदाधिकारी सृष्टि राज सिन्हा से वादी श्री सियाशरण प्रसाद ने शिकायत थी कि उनकी रैयती जमीन को हिलसा अनुमंडल कार्यपालक दंडाधिकारी के समक्ष वर्ष-2015 से ही एक वाद दर्ज है। उस वाद के अनुसार असमाजिक तत्वों ने उनकी जमीन का अतिक्रमण कर रखा है और न्यायालय में मामले की सुनवाई के दौरान भी उस भूमि पर निर्माण कार्य जारी है।
सीओ द्वारा सीमांकित उक्त रैयती भूमि पर हाल ही में ओडीएएफ के तहत शौचालय का निर्माण तक कर डाला गया है और उसकी चहरदीवारी करने की तैयारी में है।
एक चौकीदार के साथ इसकी जांच करने पहुंचे चंडी थाना के पुअनि मुकेश चौधरी ने असमाजिक पक्ष से ही सांठगांठ कर जांच प्रतिवेदन तैयार कर दिया। वादी के तत्थों और वर्तमान स्थिति को नजरअंदाज कर अपनी कर्तव्यहीनता का परिचय दिया।
आश्चर्य की बात है कि थानाध्यक्ष मुकेश कुमार ने भी आंख बंद कर वादी की सूचना देने के बाबजूद पुअनि मुकेश चौधरी के झूठे जांच प्रतिवेदन को ही अपने हस्ताक्षर से अग्रसरित कर दिया।