“अफवाह के पिछे किसी न किसी का स्वार्थ-अपराध छुपा होता है। रांची के ओरमांझी ईलाके में एक अधेड़ ने एक नाबालिग युवती के साथ छेड़छाड़ की। दुष्कर्म का प्रयास किया। फिर खुद के अपराध को छुपाने के लिये दंगा भड़क जाने की अफवाह फैला दी। इससे पूरा पुलिस-प्रशासन परेशानी में पड़ गया। समय रहते सच उजागर हो गया और समाजिक सौहार्द बिगड़ने की चपेट में आने से लोग बच गये”
ओरमांझी (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। रांची जिले के ओरमांझी थाना क्षेत्र में आपसी सौहार्द बिगाड़ने का किया गया प्रयास एक बार फिर विफल हो गया है।
सोमवार को थाना क्षेत्र के टुंडाहुली गांव में दो समुदाय के बीच दंगा भड़कने की फैली अफवाह से चार थानों की पुलिस परेशान रही। जिला पुलिस बल के महिला व पुरूष बल के जवान के साथ कोतवाली डीएसपी भोला प्रसाद सिंह, मुख्यालय डीएसपी अमित कच्छप, सीओ राजेश कुमार, जिला कार्यपालक दंडाधिकरी, ओरमांझी, कांके, पिठोरिया व बीआईटी मेसरा के थानेदार जब गांव पहुंचे तो पता चला कि टुंडाहुली में दंगा नही हुआ है। सिर्फ अफवाह फैलाया गया था।
दरअसल टुंडाहुली गांव में 8 जून को एक नाबालिग लड़की को घर में अकेला देख गांव के ही मो. जलालुद्दीन अंसारी के 42 वर्षीय युवक सिद्दीक अंसारी घर घुस गया और दुष्कर्म का प्रयास करने लगा।
लड़की के विरोध करने व चिल्लाने के बाद सिद्दीक धमकी देते हुए भाग गया। इसके बाद पीड़िता के परिवार वालों ने इसकी जानकारी गांव-समाज को दी।
ग्रामीणों के अनुसार इसी मामले को लेकर 11 जून को गांव में बैठक कर फैसला किया जाना था। इसके ठीक पहले सिद्दीक अपने पिता व भाई हनीफ अंसारी के साथ थाना पहुंचा और घर में तोड़-फोड़ व आग लगाने की बात पुलिस को बताया। इसके बाद गांव में दंगा की अफवाह फैला दिया गया।
सिद्दिक के परिजनों ने भी स्वीकार किया है कि लड़की के साथ दुष्कर्म नहीं, छेड़छाड़ किया गया है।
…और पुलिस छावनी में तब्दिल हो गया गांवः दो समुदाय के बीच इस प्रकार की मामला को देख टुंडाहुली गांव को प्रशासन ने लगभग एक घंटे के अंदर सुरक्षा की दृष्टि से भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर अपने कब्जे में ले लिया।
ओरमांझी थाना प्रभारी संतोष कुमार ने घटना से जिला मुख्यालय को अवगत कराने के बाद तत्काल पुलिस बल जवानों को लेकर गांव पहुंचे। थोड़ी-थोड़ी देर बाद कांके थाना प्रभारी राजीव रंजन, पिठोरिया थाना प्रभारी लालजी यादव व बीआईटी मेसरा थाना प्रभारी बिरेंद्र कुमार समेत दो डीएसपी व जिला पुलिस बल के जवान भी पहुंच गये।
दोनों परिवार के सदस्य व घर-गांव के साथ आसपास के पुरे क्षेत्र को अपनी सुरक्षा में ले लिया और घटना की जानकरी ली। इसके बाद किसी अप्रिय घटना न हो, इसके लिए गांव में रात को भी जिला व स्थानीय पुलिस कैंप कर रही है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए सीडीपीओ कृष्णा टोप्पो ने मुखिया प्रतिमा देवी के सामने नाबालिक युवती का बयान लिया। जिसके बाद युवती ने घटना की जानकारी लिखित रूप से थाना प्रभारी संतोष कुमार को दी। इसके बाद सिद्दीक अंसारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे दबोच लिया गया। एफआईआर में मुखिया व परिवार के सदस्य सहित गांव के चार लोगों की गवाही भी ली गई।
आरोपी को जेल भेजने के बाद मामला हुआ शांतः शुरू में दुष्कर्म का प्रयास का मामले को दबाने व गांव में ही फैसला करने का निर्णय लिया गया। दंगा की अफवा फैलने के बाद जब बात फैली तो कुछ ग्रामीण आक्रोशित हो गये। आरोपी के भाई के ट्रेकर का शीशा तोड़ दिया गया। ग्रामीण पुलिस से भी आरोपी को सामने लाने की मांग कर रहे थे।
ग्रामीणों का कहना था कि दुष्कर्म का प्रयास कर गलती किया। अब दंगा फैलाने का प्रयास कर दूसरा गलती कर दिया। ग्रामीणों का गुस्सा देख प्रशासन ने गांव के अमनपसंदों के साथ ग्रामीणों को समझाया और आरोपी पर उचित कानूनी कार्रवायी करने का आश्वासन दिया। साथ ही आरोपी युवक सिद्दीक को धारा 376, 511 और 8 पोस्को एक्ट के तहत गिरफतार कर जेल भेज दिया। जिसके बाद मामला शांत हुआ।
“घटना के साथ ही पुलिस को सूचना मिलती तो आज हालात नही बिगड़ते। लोगों को पुलिस पर भरोसा करना चाहिए। सभी मामले पर गांव में बैठक कर ही फैसला करना ठीक नही होता”। ………भोला प्रसाद सिंह, डीएसपी कोतवाली।