एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। अगर नालंदा जिले में सबसे अधिक प्रशासनिक निकम्मेपन के बीच अगर कहीं देखनी है तो आप राजगीर नगर का मुआयना कर लीजिये।
यहां के सारे पदाधिकारी सिर्फ देखते नजर आयेगें, करते कुछ नहीं। जिला प्रशासन और अनुमंडल प्रशासन की निष्क्रियता से स्थिति और भी बद्दतर होती चली जा रही है।
राजगीर नगर में कई ऐसे अजूबे मामले हैं, जिसके जिम्मेवार अधिकारी को स्वंय के आदेश के पालन में ही पैंट गीली होने लगती है।
खबर है कि राजगीर मलमास मेला सैरात की चिन्हित भूमि पर गौरक्षणी के पास एक बड़ा पक्का निर्माण कार्य में दिन रात जुटे हैं। इसकी जानकारी सबको है। बाबजूद इसके कहीं से कोई रोक-टोक नहीं हो रही है।
सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि इस हो रहे अवैध निर्माण के सामने से राजगीर नगर के सारे अधिकारी-जनप्रतिनिधि अपनी-अपनी धुन में रहते हैं।
आरोप तो यहां तक लगाया जा रहा है कि राजगीर नगर प्रशासन के लोग भी राजगीर नगर प्रक्षेत्र के सरकारी जमीन से लेकर राजगीर मेला सैरात भूमि को लुटने और लूटवाने में आकंठ डूबें हैं। ऐसे में कोई कार्रवाई या रोक-टोक की बात करनी ही बेईमानी है।
राजगीर मलमास मेला सैरात भूमि की जमीन पर हो रहे ताजा अवैध निर्माण की बाबत सीओ उमेश कुमार पर्वत ने एक्सपर्ट मीडिया को बताया कि आज शनिवार की शाम इस मामले की उन्हे सूचना मिली है। इसके बाद उन्होंने अपने स्तर से तत्काल निर्माण कार्य बंद करा दिया गया है।
सीओ ने बताया कि राजगीर मेला सैरात भूमि के संरक्षक राजगीर एसडीओ हैं, इसीलिये निर्माण कार्य कराने वालों को उन्हीं के अनुमति लने को कहा है। इस बाबत दर्जनों बार राजगीर एसडीओ से संपर्क साधा गया लेकिन, उन्होंने फोन नहीं उठाया।
इधर जब इस मामले को लेकर राजगीर नगर परिषद की अध्यक्षा उर्मिला देवी से जानकारी चाही तो उन्होंने अनभिज्ञता प्रकट की। इसके बाद उनके पति ने बताया कि उनकी अध्यक्षा पत्नि अभी नई हैं, विशेष वे नगर पंचायत कार्यालय से ही पता कर कुछ बता पायेगे।