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    Saturday, November 23, 2024
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      SBI बैंक में देखिये भ्रष्टाचार, मिड डे मिल का 100 करोड़ बिल्डर के एकाउंट में डाला

      “इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब शिक्षा विभाग की तरफ से बैंक को निर्देश दिया गया कि वह मिड डे मिल का पैसा जिलों में ट्रांसफर कर दे। तब मिड डे मिल प्राधिकार को बैंक ने बताया कि एकाउंट में तो पैसे हैं ही नहीं।”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। इन दिनों विभिन्न बैंकों में भारी भ्रष्टाचार देखने को मिल रहा है। झारखंड की राजधानी रांची में तो हद हो गई, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की धुर्वा शाखा में राज्य के  मिड डे मिल (मध्याह्न भोजन) का 100 करोड़ रूपये सरकारी खाते से एक बिल्डर कंपनी के एकाउंट में ट्रांसफर कर दिया गया है।

       जिस बिल्डर के एकाउंट में 100 करोड़ रुपये की राशि स्थानान्तरित की गई है, उस बिल्डर की कंपनी का नाम भानु कंस्ट्रक्शन है और उसके मालिक का नाम संजय तिवारी बताया जा रहा है।

      वैसे, खबर है कि एसबीआई ने इस मामले की शिकायत सीबीआई रांची कार्यालय से भी की है। उधर एसबीआई के हटिया शाखा के सहायक महाप्रबंधक ने मामले से इनकार करते हुए कहा है कि अगर ऐसा हुआ है, तो वह मामले की जांच करायेंगे।

      खबर के मुताबिक सरकारी राशि एकाउंट में आने के बाद बिल्डर ने ऑडी समेत कई महंगी गाड़ियां खरीद ली। जब मामले का खुलासा हुआ तो बिल्डर फरार हो गया।

      खबर के मुताबिक मध्याह्न भोजन का पैसा सरकार ने बैंक एकाउंट में जमा कराया था। बैंक के एक अधिकारी ने दस आरटीजीएस के जरिये पैसा भानु कंस्ट्रक्शन के एकाउंट में ट्रांसफर कर दिया। रूपया केनरा बैंक, एचडीएफसी बैंक समेत दूसरे बैंकों से भानु कंस्ट्रक्शन कंपनी के एकाउंट में ट्रांसफर किया गया।

      जानकारी के मुताबिक एसबीआई धुर्वा शाखा के एक अफसर ने ही तीन अफसरों के पासवर्ड का इस्तेमाल कर रूपये ट्रांसफर किए। चूंकि दस करोड़ की राशि को आरटीजीएस के लिए तीन अफसर के पासवर्ड का इस्तेमाल होता है। इससे ज्यादा की रकम ट्रांसफर करने के लिए उपर से स्वीकृति की जरूरी होती है। इसलिए दस बार दस-दस करोड़ की राशि ट्रांसफर की गई।

      बैंक को जब इस कारनामे की जानकारी हुई, तो बैंक के अफसरों ने उन बैंकों में संपर्क किया, जिन बैंकों के एकाउंट में दस-दस करोड़ की राशि ट्रांसफर की गई थी। जिसके बाद कुछ राशि बैंकों से वापस आ चुकी है। हालांकि यह नहीं पता चल पाया है कितनी राशि वापस हुई है और कितनी राशि अब भी बिल्डर के पास ही है।

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