” जीरो टॉलरेंस की नीति के ढिंढोरे पीटने वाले सुशासन बाबू यानि बिहार के सीएम नीतिश कुमार के गृह जिले नालंदा के चंडी प्रखंड में पिछले डेढ़ साल में 42 शिक्षकों का प्राधिकार का हवाला देकर नियोजन हो चुका है। इसके बाद भी यह सिलसिला अभी तक चल रहा है। “
चंडी (संजीत कुमार)। चंडी प्रखंड के शिक्षा विभाग के हमाम में सब नंगे दिख रहे हैं ।भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर चुकी है। शिक्षक नियोजन में रोज फर्जी बाडे के मामले का पर्दाफाश हो रहा है ।
बाबजूद डीएम, डीईओ, बीईओ चंडी प्रखंड में फर्जी शिक्षक नियोजन मामले में उनकी उदासीनता दिखती हैं। जैसे लगता है इस नियोजन के धंधे में उनकी भी मिलीभगत हो।
चंडी प्रखंड में प्राधिकार का हवाला देकर शिक्षक नियोजन का गोरखधंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है। डीएम के द्वारा प्राधिकार के आदेश पर रोक के बाबजूद अभी तक पंचायतों में शिक्षक नियोजन का खेल जारी है।
चंडी प्रखंड के तुलसीगढ पंचायत के 16 सितम्बर को प्राथमिक विधालय गोसाईमठ में नूरसराय प्रखंड से स्वाति कुमारी नाम की एक शिक्षिका और रसलपुर में दीपक कुमार अपने हाथ में प्राधिकार का हवाला देकर नियोजन पत्र लेकर योगदान के लिए पहुंचते हैं। इस नियोजन की सूचना बीईओ को भी दिया गया।
पहले तो बीईओ ने एचएम को मोबाइल से योगदान नहीं लेने का निर्देश दिया लेकिन अब सूचना आ रही है कि उक्त शिक्षिका का गोसाईमठ प्राथमिक विद्यालय में योगदान ले लिया गया है । वही रसलपुर में शिक्षक चंदन का भी योगदान हो गया ।
डीइओ ने भी प्राधिकार के आदेश से जारी शिक्षक नियोजन को अवैध बताया था। फिर भी चंडी चंडी प्रखंड में प्राधिकार का हवाला देकर शिक्षक अपना योगदान दे रहे है। योगदान दे रहे शिक्षक डीएम के आदेश को ढेंगा दिखाकर उनके आदेश काॅपी एक रद्दी कागज़ मान बैठे है। डीएम का भी भय उनमें नही दिखता है।
चंडी प्रखंड में डेढ़ साल में 42 शिक्षकों की बहाली हो चुकी है। जबकि बीईओ सिर्फ़ 32 शिक्षकों की बहाली की बात करती हैं। अगर सही तरीके से इस बहाली की जांच की जाए तो कई शिक्षा माफिया का पर्दाफाश हो सकता है।
क्या कहते हैं बीईओ………..
बीईओ बिंदु कुमारी ने कहा कि पंचायत नियोजन इकाई में बीईओ का कोई रोल नहीं होता है। ऐसे भी प्राधिकार का आदेश के पहले शिक्षा विभाग से अनुमति लेना है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। जितना भी प्राधिकार से बहाली हो रही है सभी शिक्षक पर कारवाई होगी।
ऐसे बीईओ हर बार कार्रवाई की बात करती हैं। लेकिन उनके तरफ से आजतक कार्रवाई नहीं हुईं ।जबकि कहा जा रहा है कि इस फर्जी नियोजन में उनके बीआरसी के ही कुछ कथित कर्मियों की संलिप्ता की बात आ रही है ।
बहरहाल, चंडी प्रखंड में शिक्षकों की जारी बहाली में कार्रवाई नहीं होना इस बात का प्रमाण है कि इस हमाम में सब नंगे हैं ।