
रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड की एंटी क्रप्शन ब्यूरो (ACB) 20 साल बाद भूमि संरक्षण विभाग के कुओं का भौतिक सत्यापन करेगा। मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग ( अब ACB) 2009 से भूमि संरक्षण द्वारा बनाये गये कुओं में अनियमितता की जांच कर रहा है। इस मामले में दो मामला 11/09 और विशेष वाद संख्या 15/09 दर्ज है।
ACB ने भूमि संरक्षण निदेशालय को पत्र लिखकर पूर्व में किये गये जांच के बाद बचे हुए कुओं की सूची मांगी है। निदेशालय ने ACB को जिलों में 2005-06 में बनाये गये कुओं की सूची सौंप दी है। मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग के मुख्य अभियंता समरेंद्र प्रसाद ने निदेशक भूमि संरक्षण को पत्र लिखकर दोनों कांड के शेष बचे कुओं का भौतिक सत्यापन कर जांच करने के लिए सूची मांगी थी।
विभाग ने सभी योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृत्यादेश, तकनीकी स्वीकृति प्राक्कलन, कार्यादेश, एकरारनामा, स्थल की विवरणी, योजनाओं की मापी पुस्तिका, मस्टर रॉल एवं स्थल पंजी की जानकारी मांगी है। निदेशालय ने 600 से अधिक तालाबों की सूची ACB को दे दी है। इसके आलोक में भूमि संरक्षण विभाग ने लोहरदगा में 22, गुमला में 46, गढ़वा में 52 कुओं की सूची दी है।
इसके अतिरिक्त पलामू के 73, लातेहार के 30, बोकारो के 34, धनबाद 34, गिरिडीह के 61, कोडरमा के 22, चतरा के 72, दुमका के 39, जामताड़ा के 18 तालाबों की सूची दी गयी है। साहिबगंज के 22, पाकुड़ के 24, देवघर के 29 व गोड्डा के 29 तालाबों की सूची ACB को दी गयी है।
बता दें कि भूमि संरक्षण निदेशालय 2010- 11 में ही दो हजार से अधिक कुओं की सूची दे चुका था। इस सूची की जांच भी की गयी थी। वाद संख्या 11/09 और विशेष वाद संख्या 15 / 09 में कृषि विभाग की कुल 21 योजनाओं को शामिल किया गया था। इसकी जांच ACB कर रहा था।
इस मामले में पूर्व कृषि मंत्री, कई पूर्व निदेशक और उप निदेशकों को आरोपी बनाया गया था। 14 पदाधिकारी और आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ ACB ने वारंट भी जारी किया था। बाद में इन अधिकारियों को राहत भी दे दी गयी थी। अब एक बार फिर ACB इस मामले की जांच कर रहा है।



