
रामगढ़/गम्हरिया (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड के रामगढ़ जिले में आयोजित एक आदिवासी समाज के कार्यक्रम के दौरान हुई कथित अमर्यादित घटनाओं ने स्थानीय समुदाय में हलचल मचा दी है। डुमरी विधायक जयराम महतो के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने, कुड़मी समाज को लेकर अपमानजनक शब्दों के प्रयोग तथा संरक्षित वन्यजीव बाघ के पुतले को उल्टा लटकाकर सामाजिक वैमनस्य फैलाने जैसे आरोपों के तहत आज गम्हरिया थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई गई है।
घटना की पृष्ठभूमि रामगढ़ जिले के एक प्रमुख आदिवासी कार्यक्रम से जुड़ी है, जहां विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधि एकजुट होकर अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और सामाजिक एकता को मजबूत करने के उद्देश्य से इकट्ठा हुए थे।
स्रोतों के अनुसार कार्यक्रम के दौरान डुमरी विधायक जयराम कुमार महतो को लेकर अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया गया, जिससे कुड़मी समाज के सदस्यों की भावनाओं को ठेस पहुंची। इसके अलावा संरक्षित पशु बाघ के पुतले को उल्टा लटकाने जैसे प्रतीकात्मक कृत्य ने पर्यावरण संरक्षण और आदिवासी परंपराओं के प्रति असम्मान का आरोप लगाया है।
इन घटनाओं ने न केवल कार्यक्रम के माहौल को खराब किया, बल्कि स्थानीय स्तर पर सामुदायिक तनाव को भी बढ़ावा दिया, जो झारखंड जैसे बहुलवादी राज्य में सामाजिक सद्भाव के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
एफआईआर में मुख्य आरोपी के रूप में निशा भगत, ज्योत्स्ना केरकेट्टा और अमित मुंडा के नाम उल्लिखित हैं। शिकायतकर्ताओं ने इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है, जिसमें समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और अन्य संबंधित प्रावधान शामिल हैं।
गम्हरिया थाना प्रभारी ने पुष्टि की है कि शिकायत दर्ज कर ली गई है और जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। यह मामला आदिवासी और कुड़मी समाजों के बीच लंबे समय से चली आ रही सामाजिक संवेदनशीलताओं को उजागर करता है, जहां सांस्कृतिक सम्मान और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दे अक्सर राजनीतिक बहस का केंद्र बन जाते हैं।
इस अवसर पर JLKM युवा मोर्चा के केंद्रीय उपाध्यक्ष विद्रोही बिष्णु, सरायकेला-खरसावां जिला प्रवक्ता माधव महतो के अलावा सुदामा महतो, बासुदेव महतो, कुन्दन महतो आदि समर्थक मौजूद थे।
विद्रोही बिष्णु ने ने कहा कि यह एफआईआर केवल एक घटना का प्रतिकार नहीं है, बल्कि समाज में व्याप्त असहिष्णुता के खिलाफ एक सशक्त आवाज है। हम किसी भी प्रकार के अपमानजनक कृत्य को बर्दाश्त नहीं करेंगे और कानूनी रास्ते से न्याय सुनिश्चित करेंगे। माधव महतो ने जोर देकर कहा कि ऐसे कदम आदिवासी समाज की एकता को मजबूत करने और कुड़मी समुदाय के सम्मान की रक्षा के लिए आवश्यक हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल व्यक्तिगत स्तर पर क्षति पहुंचाती हैं, बल्कि समग्र सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करती हैं। सदियों पुरानी सांस्कृतिक विरासत को नुकसान पहुंचाती हैं। रामगढ़ जिला प्रशासन ने भी स्थिति पर नजर रखने का आश्वासन दिया है, ताकि मामला शांतिपूर्ण तरीके से सुलझे।