
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार की राजधानी पटना में पर्यटन और परिवहन के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा जाने वाला है। गंगा नदी पर देश के चुनिंदा शहरों में शामिल होकर पटना में पहली बार वाटर मेट्रो सेवा शुरू होने जा रही है। यह परियोजना न केवल पर्यटकों के लिए एक आकर्षक अनुभव प्रदान करेगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी आवागमन का एक सुविधाजनक और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प बनेगी।
बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के तत्वावधान में संचालित होने वाली यह वाटर मेट्रो सेवा दीघा घाट से कंगन घाट के बीच 15 किलोमीटर के दायरे में चलेगी। इस मार्ग पर पर्यटकों और यात्रियों की सुविधा के लिए दीघा घाट, गांधी घाट, गायघाट और कंगन घाट पर आधुनिक जेटी स्थापित किए जाएंगे।
इस परियोजना की शुरुआत के लिए पहला मेट्रो बोट कोलकाता से भागलपुर पहुंच चुका है और यह 24 सितंबर 2025 को पटना पहुंचेगा। इसके बाद 2-3 दिनों तक ट्रायल रन किया जाएगा और फिर 30 सितंबर 2025 को वाटर मेट्रो सेवा का औपचारिक शुभारंभ आम जनता के लिए होगा। दूसरा मेट्रो बोट अक्टूबर 2025 के पहले सप्ताह में पटना पहुंचेगा।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए 908 करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य शुरू किया गया है। हाल ही में गुजरात के भावनगर में केंद्रीय मंत्रियों सर्वानंद सोनोवाल और मनसुख मंडाविया की उपस्थिति में इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IWAI) के चेयरमैन सुनील कुमार सिंह और बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक नंद किशोर ने समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर बिहार के पर्यटन सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि पटना उन 18 शहरों में शामिल है, जहां देश में वाटर मेट्रो सेवा शुरू की जा रही है। वाटर मेट्रो की टिकट बुकिंग डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से होगी। बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम जल्द ही एक मोबाइल ऐप लॉन्च करेगा, जिसके जरिए टिकट बुकिंग और अन्य सुविधाओं का लाभ उठाया जा सकेगा। इसके अलावा निगम की वेबसाइट पर भी टिकट बुकिंग की सुविधा उपलब्ध होगी।
किराए की बात करें तो अभी न्यूनतम और अधिकतम किराए का अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। हालांकि प्रारंभिक अनुमान के अनुसार न्यूनतम किराया 50 रुपये और अधिकतम किराया 100 रुपये के आसपास हो सकता है। यह किराया पटना के निवासियों और पर्यटकों के लिए किफायती और आकर्षक होगा।
वाटर मेट्रो सेवा सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक उपलब्ध होगी। शुरुआत में यह सेवा पटना के चार प्रमुख घाटों दीघा, गांधी, गायघाट और कंगन घाट पर संचालित होगी। भविष्य में इस सेवा का विस्तार अन्य घाटों तक भी किया जा सकता है। यह सेवा न केवल पर्यटकों के लिए गंगा की सैर को यादगार बनाएगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी एक सस्ता और पर्यावरण-अनुकूल परिवहन विकल्प प्रदान करेगी।
वाटर मेट्रो सेवा का शुभारंभ बिहार के पर्यटन क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है। यह न केवल गंगा नदी के किनारे बसे घाटों की खूबसूरती को उजागर करेगा, बल्कि पर्यटकों को पटना की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत से जोड़ेगा। इसके अलावा, यह परियोजना पर्यावरण-अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देगी, जिससे सड़क यातायात का दबाव कम होगा और प्रदूषण में कमी आएगी।
पर्यटन विभाग के अनुसार वाटर मेट्रो के सफल संचालन के बाद इस तरह की सेवाओं को बिहार के अन्य शहरों और नदियों तक विस्तारित करने की योजना है। साथ ही क्रूज और अन्य जल-पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भी नए कदम उठाए जाएंगे।