सीएम हेमंत सोरेन ने 26 हजार शिक्षकों की भर्ती का किया ऐलान, प्रक्रिया शुरू

रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में 26 हजार शिक्षकों की भर्ती का ऐलान किया है। यह घोषणा प्रोजेक्ट भवन में आयोजित एक भव्य नियुक्ति वितरण समारोह के दौरान की गई, जहां सीएम ने स्वयं 301 नव-नियुक्त सहायक आचार्यों को नियुक्ति पत्र सौंपे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात को सुधारने में सहायक होगा, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा। खासकर जब केंद्र सरकार की रिपोर्ट्स राज्य में 35 छात्रों पर मात्र एक शिक्षक होने की चिंताजनक स्थिति को उजागर कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में नियुक्तियों का सिलसिला लगातार जारी रहेगा। हम राज्य की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक हर स्तर पर सुधार हो रहे हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि 26 हजार शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है और यह जल्द ही पूरी की जाएगी। सीएम ने यह भी जोड़ा कि सरकार प्रोजेक्ट-बेस्ड लर्निंग प्रोग्राम को लॉन्च कर रही है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाएगा। ऑनलाइन शिक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग को बढ़ावा देकर राज्य को आधुनिक शिक्षा के दौर से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
समारोह के दौरान वितरित किए गए 301 नियुक्ति पत्रों में कक्षा 1 से 5 के लिए 170 इंटर-प्रशिक्षित सहायक आचार्य और कक्षा 6 से 8 के लिए 131 स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य (गणित एवं विज्ञान) शामिल थे। इनमें गोड्डा जिले के इंटर-प्रशिक्षित सहायक आचार्य भी शुमार हैं। ये सभी उम्मीदवार झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से चयनित हुए हैं।
सीएम ने नव-नियुक्त शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि आपका यह दायित्व है कि बच्चों के भविष्य को संवारें। करदाताओं के पैसे से वेतन मिलता है, इसलिए शिक्षा में कोई समझौता न करें। राज्य का विकास इसी पीढ़ी पर निर्भर करता है। आर्थिक बाधाओं के बावजूद अभिभावक बच्चों को बेहतर शिक्षा देना चाहते हैं, और सरकार इसे सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है।
बता दें कि राज्य में लंबे समय से शिक्षकों की कमी एक बड़ी समस्या रही है। केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में वर्तमान में 35 छात्रों पर केवल एक शिक्षक उपलब्ध है, जो राष्ट्रीय औसत से काफी कम है। अधिकारियों ने खुद इसे चिंता का विषय बताया है। इस स्थिति को सुधारने के लिए सरकार ने पहले भी कई चरणों में भर्तियां की हैं, लेकिन 26 हजार पदों की यह नई प्रक्रिया सबसे बड़ी होगी।
इसका पहला चरण अप्रैल 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है, जिसमें झारखंड टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (जेटीईटी) के माध्यम से 26,000 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति होगी। इसके अलावा क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए 10,000 और शिक्षकों की भर्ती की योजना है तथा तीसरे चरण में अतिरिक्त 25,000-26,000 पद भरे जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने समारोह में सरकारी स्कूलों को निजी संस्थानों के बराबर लाने पर जोर दिया और कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार, रिक्त पदों को भरना और हर जिले में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है। राज्य में इंजीनियरिंग और मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रगति हो रही है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि भर्ती के साथ-साथ प्रशिक्षण और मॉनिटरिंग पर भी ध्यान देना जरूरी होगा ताकि शिक्षक प्रभावी ढंग से काम कर सकें।