बिहार में संविदा अमीनों के नियमितीकरण के फर्जी दावे से हड़कंप
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार में विशेष सर्वेक्षण संविदाकर्मियों की हड़ताल ने एक नया मोड़ ले लिया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने स्पष्ट किया है कि हड़ताली कर्मियों के कुछ नेता 550 अमीनों (अमानत/सर्वेयर) की संविदा आधारित नियुक्ति के बाद नियमितीकरण का फर्जी दावा पेश कर रहे हैं और अन्य कर्मियों को हड़ताल के लिए उकसा रहे हैं। विभाग ने इस दावे को पूरी तरह से खारिज करते हुए स्थिति को स्पष्ट किया है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय में कार्यरत 374 अमीनों की नियुक्ति संविदा के आधार पर की गई है, जो पूरी तरह से अस्थायी है। ये अमीन विभाग द्वारा सृजित नियमित पदों के विरुद्ध संविदा पर कार्य कर रहे हैं।
विभाग ने बताया कि नियमित नियुक्ति में देरी होने की स्थिति में संविदा आधारित नियुक्ति का प्रावधान है, लेकिन यह केवल अस्थायी तौर पर लागू होता है। जैसे ही नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी होगी, इन संविदाकर्मियों की संविदा स्वतः समाप्त हो जाएगी, और इसके लिए अलग से कोई आदेश जारी नहीं किया जाएगा।
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि संविदा पर नियोजित अमीन सरकारी सेवक नहीं हैं। उन्हें सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली कोई भी सुविधा, जैसे पेंशन, भत्ते या अन्य लाभ, नहीं मिलेंगे। साथ ही भविष्य में वे नियमितीकरण का कोई दावा नहीं कर सकेंगे। इन शर्तों को संविदा अमीनों के साथ किए गए एकरारनामे में स्पष्ट रूप से शामिल किया गया है।
हड़ताल के दौरान बर्खास्त किए गए संविदाकर्मियों में से 1575 ने अब तक राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के तहत भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय में वापसी के लिए अपील दाखिल की है। इनमें से 235 आवेदनों को मंजूरी मिल चुकी है, जबकि शेष आवेदनों की समीक्षा चल रही है। विभाग के अनुसार 3321 संविदा कर्मी पहले ही हड़ताल छोड़कर अपने कार्य पर वापस लौट चुके हैं।
अपील दाखिल करने के लिए विभाग ने एक विशेष ई-मेल पता- appeald-lrs@gmail.com जारी किया है। इच्छुक संविदाकर्मी कार्यालय अवधि में पटना स्थित विभागीय कार्यालय में सीधे अपील दाखिल कर सकते हैं या निर्धारित ई-मेल पते के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकते हैं।
हालांकि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने हड़ताली कर्मियों और उनके नेताओं को चेतावनी दी है कि नियमितीकरण का कोई प्रावधान नहीं है। विभाग ने सभी जिला समाहर्ताओं को पहले ही पत्र भेजकर यह स्पष्ट किया था कि संविदा कर्मियों की नियुक्ति केवल नियमित नियुक्ति होने तक प्रभावी रहेगी। वे फर्जी दावों पर भरोसा न करें और जल्द से जल्द अपने कार्य पर वापस लौटें।
बहरहाल बिहार में संविदा अमीनों की हड़ताल और नियमितीकरण के फर्जी दावों ने प्रशासनिक और सामाजिक स्तर पर चर्चा को जन्म दिया है। विभाग ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए संविदाकर्मियों से कार्य पर लौटने की अपील की है, ताकि विशेष सर्वेक्षण कार्य में देरी न हो।









