
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने भूमि संबंधी मामलों में आम रैयतों को त्वरित राहत प्रदान करने और संविदा सर्वेक्षण कर्मियों की हड़ताल के कारण उत्पन्न चुनौतियों के बीच राजस्व महाअभियान को गति देने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
हड़ताल के कारण कर्मियों की कमी को देखते हुए विभाग ने वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर), ई-गवर्नेस सर्विस इंडिया लिमिटेड नई दिल्ली को गैर-परामर्शी सेवाओं के लिए नामित करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे मंगलवार, 26 अगस्त 2025 को मंत्रिपरिषद ने स्वीकृति प्रदान कर दी।
मंत्रिपरिषद की बैठक में मद संख्या-25 के तहत लिए गए इस निर्णय के अनुसार, राजस्व महा-अभियान के तहत आयोजित होने वाले शिविरों में अब सीएससी के प्रशिक्षित कर्मी तैनात किए जाएंगे। ये कर्मी नागरिकों के आवेदनों की त्वरित डेटा इंट्री सुनिश्चित करेंगे, जिससे अभियान को गति मिलेगी।
बिहार के 38 जिलों के 8481 हलकों में कुल 11,549 सीएससी कर्मियों की सेवाएं ली जाएंगी। इनमें 10,936 कंप्यूटर ऑपरेटर, 537 अंचल-स्तरी पर्यवेक्षक और 76 जिला-स्तरीय पर्यवेक्षक शामिल होंगे।
सीएससी पहले से ही राज्य में डिजिटल सेवाओं जैसे जमाबंदी देखने, लगान भुगतान, दाखिल-खारिज, परिमार्जन प्लस और भू-मापी जैसी सुविधाएं प्रदान करती रही है। अब इसके हजारों वीएलई (विलेज लेवल एंटरप्रेन्योर) राजस्व महा-अभियान के शिविरों में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
सरकार का मानना है कि इससे पंचायत स्तर पर आयोजित शिविरों में रैयतों को त्वरित सेवाएं मिलेंगी और कर्मियों की कमी के कारण होने वाली भीड़ से भी बचा जा सकेगा।
राज्य में 16 अगस्त से 20 सितंबर 2025 तक चलने वाले राजस्व महा-अभियान का मुख्य उद्देश्य डिजिटाइज्ड जमाबंदी में त्रुटियों का सुधार, छूटी हुई जमाबंदियों को ऑनलाइन करना, उत्तराधिकार नामांतरण और बंटवारा नामांतरण जैसे कार्यों को पूरा करना है।
हालांकि, विशेष सर्वेक्षण अमीनों के अचानक हड़ताल पर चले जाने से कर्मियों की कमी के कारण अभियान की गति प्रभावित हो रही थी। इस स्थिति से निपटने के लिए विभाग ने सीएससी की सेवाएं लेने का निर्णय लिया।
विभाग ने वित्त विभाग के संकल्प संख्या-12888, दिनांक 03.12.2024 के आधार पर गैर-परामर्शी सेवाओं की अधिप्राप्ति के लिए यह प्रस्ताव तैयार किया था। मंत्रिपरिषद की स्वीकृति के बाद अब यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।
राजस्व महाअभियान को प्रभावित करने वाले विशेष सर्वेक्षण कर्मियों के खिलाफ सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। विभाग ने हड़ताल पर गए कर्मियों का क्रमिक निलंबन शुरू कर दिया है। यह कदम अभियान की निरंतरता और रैयतों को निर्बाध सेवाएं प्रदान करने के लिए उठाया गया है।
राजस्व महाअभियान के तहत अब तक राज्य में कुल जमाबंदी पंजियों में से 42 फीसदी का वितरण पूरा हो चुका है। सीएससी के 11,549 कर्मियों की नियुक्ति के बाद इस कार्य में और तेजी आने की उम्मीद है। विभाग का लक्ष्य है कि शेष जमाबंदी पंजियों का वितरण और अन्य लंबित कार्यों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
इस प्रस्ताव को विभागीय स्थायी वित्त समिति और विभागीय मंत्री की स्वीकृति प्राप्त होने के बाद मंत्रिपरिषद की बैठक में अंतिम मंजूरी दी गई। अब यह संकल्प राजपत्र में प्रकाशित होकर तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।