
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार के गया जिले में एक बार फिर पुलिस महकमे में सनसनी फैल गई है। अतरी थानाध्यक्ष संजय कुमार (30 वर्ष) ने आत्महत्या का प्रयास किया, जिसके बाद उन्हें गंभीर हालत में मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह घटना दारोगा अनुज कश्यप की खुदकुशी के बाद पुलिस विभाग में दूसरी ऐसी घटना है, जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया है।
जानकारी के मुताबिक रविवार रात को थानाध्यक्ष संजय कुमार ने खाना खाने के बाद अपने क्वार्टर में आराम करने के लिए गए थे। रात करीब 12 बजे नीमचक बथानी के एसडीपीओ सुरेंद्र कुमार सिंह ने किसी कार्य के सिलसिले में उन्हें फोन किया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुआ। कई बार कॉल करने के बाद भी जवाब न मिलने पर एसडीपीओ ने थाने में तैनात एक पुलिसकर्मी को संपर्क करने को कहा। पुलिसकर्मी ने भी थानेदार को फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
आशंका होने पर पुलिसकर्मी तुरंत थानेदार के क्वार्टर पहुंचे। दरवाजा अंदर से बंद था। पुलिसकर्मियों ने दीवार फांदकर कमरे में प्रवेश किया, जहां का दृश्य देखकर सभी स्तब्ध रह गए। कमरे में खून फैला हुआ था और संजय कुमार बेहोशी की हालत में पड़े थे। तत्काल उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया।
फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि थानाध्यक्ष ने आत्महत्या का प्रयास क्यों किया। पुलिस विभाग इस मामले की गहन जांच कर रहा है। इस घटना ने न केवल गया पुलिस बल्कि पूरे बिहार पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है।
दारोगा अनुज कश्यप की आत्महत्या के बाद यह दूसरी ऐसी घटना है, जिसने पुलिसकर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पुलिसकर्मियों पर काम का दबाव, तनाव और अन्य व्यक्तिगत कारण ऐसी घटनाओं को जन्म दे सकते हैं।
पुलिस प्रशासन ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। संजय कुमार की स्थिति पर नजर रखी जा रही है और उनके ठीक होने के बाद उनसे पूछताछ की जाएगी। ताकि इस घटना के पीछे के कारणों का पता लगाया जा सके।