
रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड के गोड्डा जिले के बोआरीजोर थाना क्षेत्र में एक पुलिस मुठभेड़ में कुख्यात अपराधी और पूर्व राजनीतिक नेता सूर्या हांसदा मारा गया। यह घटना जिरली समारी पहाड़ी के पास रविवार देर रात हुई, जिसकी आधिकारिक पुष्टि गोड्डा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने की है। सूर्या हांसदा कई आपराधिक मामलों में वांछित था और गोड्डा व साहिबगंज जिले की पुलिस लंबे समय से उसकी तलाश में जुटी थी।
जानकारी के अनुसार गोड्डा पुलिस को रविवार को गुप्त सूचना मिली थी कि सूर्या हांसदा ललमटिया थाना क्षेत्र के जंगली इलाके में छिपा हुआ है। इसके आधार पर गोड्डा एसडीपीओ अशोक रविदास के नेतृत्व में एक विशेष कार्य बल (एसआईटी) ने छापेमारी की।
सूर्या को रविवार को देवघर के मोहनपुर नावाडीह में एक रिश्तेदार के घर से गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस उसे हथियार बरामद करने के लिए बोआरीजोर थाना क्षेत्र के जिरली समारी पहाड़ी के पास ले गई।
पुलिस के अनुसार इस दौरान सूर्या हांसदा ने पुलिस का हथियार छीनकर भागने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने गोली चलाई, जिससे सूर्या की मौके पर ही मौत हो गई।
मुठभेड़ के बाद पुलिस ने उसके शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए गोड्डा सदर अस्पताल भेज दिया। घटनास्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है, और किसी को भी क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है।
ललमटिया थाना क्षेत्र के डकैता गांव का निवासी सूर्या हांसदा न केवल एक कुख्यात अपराधी था, बल्कि क्षेत्र में उसका राजनीतिक रसूख भी था। उसने बोरियो विधानसभा क्षेत्र से कई बार चुनाव लड़ा था। 2019 में सूर्या ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर बोरियो से विधानसभा चुनाव लड़ा और दूसरे स्थान पर रहा था।
वहीं 2024 में भाजपा द्वारा टिकट नहीं दिए जाने पर उसने जयराम महतो की पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) से चुनाव लड़ा, लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा सूर्या ने झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) के टिकट पर भी दो बार अपनी किस्मत आजमाई थी।
सूर्या हांसदा के खिलाफ गोड्डा और साहिबगंज जिले के विभिन्न थानों में दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज थे। इनमें हत्या, अपहरण, आगजनी और गोलीबारी जैसे गंभीर अपराध शामिल थे।
विशेष रूप से 9 जनवरी 2020 को गोड्डा के ठाकुरगंगटी थाना क्षेत्र में अडानी पावर प्लांट की पाइपलाइन परियोजना में लगे वाहनों में आग लगाने की घटना में उसकी संलिप्तता सामने आई थी।
इसके अलावा 27 मई 2025 को ईसीएल (इस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) की राजमहल परियोजना में हुई गोलीबारी में भी उसका नाम उजागर हुआ था, जिसमें एक ऑपरेटर घायल हो गया था। साहिबगंज जिले में क्रशर मिल में ट्रक जलाने के मामले में भी सूर्या के खिलाफ केस दर्ज था।
सूर्या हांसदा की मां नीलमणि मुर्मू, ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि सूर्या का वेल्लोर में इलाज चल रहा था और वह देवघर के मोहनपुर नावाडीह में एक रिश्तेदार के घर रह रहा था। रविवार को सादे कपड़ों में पुलिस ने उसे वहां से उठाया और फिर उसकी हत्या कर दी। सूर्या की पत्नी सुशीला, ने भी उसकी गिरफ्तारी की सूचना दी थी और अनहोनी की आशंका जताई थी।
वहीं, गोड्डा एसपी ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि सूर्या की गिरफ्तारी गुप्त सूचना के आधार पर की गई थी और मुठभेड़ के दौरान उसने पुलिस पर हमला करने की कोशिश की, जिसके चलते पुलिस को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। एसपी ने बताया कि इस मामले में विस्तृत जानकारी सोमवार शाम 4 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी जाएगी।
मुठभेड़ के बाद जिरली समारी पहाड़ी के आसपास भारी भीड़ जमा हो गई है, जिसके चलते पुलिस ने क्षेत्र को पूरी तरह सील कर दिया है। सूर्या के शव को ले जाते समय उसकी मां नीलमणि ने पुलिस की गाड़ी रोकने की कोशिश की, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। पुलिस और प्रशासन के जवान स्थिति को नियंत्रित करने में जुटे हैं।
बहरहाल, सूर्या हांसदा का एनकाउंटर झारखंड में अपराध और राजनीति के बीच गहरे संबंधों को फिर से उजागर करता है। उसका लंबा आपराधिक इतिहास और राजनीतिक प्रभाव क्षेत्र में चर्चा का विषय रहा है।
पुलिस का दावा है कि यह कार्रवाई आत्मरक्षा में की गई, जबकि परिवार इसे सुनियोजित हत्या बता रहा है। इस घटना के बाद गोड्डा और आसपास के क्षेत्रों में तनाव का माहौल है और पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस से इस मामले में और स्पष्टता की उम्मीद है।