रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड प्रदेश की औद्योगिक नगरी जमशेदपुर जल्द ही आधुनिक परिवहन सुविधाओं के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रही है। राज्य सरकार ने मानगो डिमना चौक के पास 13 एकड़ भूमि पर एक अत्याधुनिक अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में शुरू हुई इस महत्वाकांक्षी परियोजना को हाइब्रिड एन्युइटी मोड (एचएएम) के तहत विकसित किया जाएगा। नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार ने इसकी सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है और जल्द ही इसे प्रशासनिक मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
परियोजना की जिम्मेदारी झारखंड अर्बन डेवलपमेंट कंपनी (जुडको) को सौंपी गई है, जबकि कर्नाटक की आइडेक एजेंसी ने इसका विस्तृत खाका तैयार किया है। इस टर्मिनल के निर्माण पर कुल 145.24 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
यह टर्मिनल पांच मंजिला होगा, जिसमें दो बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर और तीन ऊपरी मंजिलें शामिल होंगी। साथ ही एक वाणिज्यिक भवन भी बनाया जाएगा, जिसमें एक बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर और तीन मंजिलें होंगी। परिसर में निम्नलिखित सुविधाएँ उपलब्ध होंगी-
पार्किंग और बुनियादी ढाँचा: 50 आदर्श पार्किंग स्थल, 23 एलिगेटिंग बस वे, 300 कारों और 350 बाइकों के लिए पार्किंग, जल संसाधन विभाग का कार्यालय, गोदाम, एसटीपी, डब्ल्यूटीपी, ईटीपी और आंतरिक सड़क व्यवस्था।
यात्री सुविधाएँ: ग्राउंड फ्लोर पर 23 बस वे, 18 टिकट काउंटर, क्लॉक रूम, लॉजिस्टिक सेंटर, रेस्टोरेंट, पब्लिक शौचालय और फूड कोर्ट।
प्रथम मंजिल: 80 सीटों वाला एसी वेटिंग हॉल, 120 बेड का यात्री डोरमेट्री, 60 बेड का चालक डोरमेट्री, फूड कोर्ट, शॉप्स, सुरक्षा कार्यालय, ट्रेवल एडमिन ऑफिस और शौचालय।
कल्चरल टच: परिसर को झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने वाली कला और पेंटिंग्स से सजाया जाएगा, जो इस टर्मिनल को एक अनूठी स्थानीय पहचान देगा।
यह टर्मिनल न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति देगा। वाणिज्यिक भवन में दुकानें और फूड कोर्ट स्थानीय व्यवसायियों के लिए नए अवसर प्रदान करेंगे। साथ ही, यह परियोजना शहर की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी, जिससे पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
इस अत्याधुनिक टर्मिनल के निर्माण से जमशेदपुर न केवल एक औद्योगिक केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाए रखेगा, बल्कि एक आधुनिक और सुगम परिवहन हब के रूप में भी उभरेगा। यह परियोजना झारखंड सरकार के विकासोन्मुखी दृष्टिकोण का एक जीवंत उदाहरण है।









