Supreme Court big decision: उम्र सीमा पार कर चुके D.El.Ed धारकों को शिक्षक भर्ती में मिलेगा मौका
सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश शिक्षा व्यवस्था में न्यायपूर्ण अवसर की एक मिसाल बन गया है। अब उम्र सीमा की दीवार उन उम्मीदवारों के सपनों में बाधा नहीं बनेगी, जिन्होंने समय पर डीएलएड पूरा किया और योग्य होने के बावजूद प्रक्रिया से बाहर रह गए थे। अब उनके लिए शिक्षक बनने का रास्ता एक बार फिर खुल गया है। विस्तार से समझें...

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। शिक्षक बनने की राह देख रहे हजारों प्रशिक्षित उम्मीदवारों के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से एक बड़ी राहत की खबर आई है। कोर्ट ने अपने ताज़ा आदेश में कहा है कि डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (D.El.Ed) पूरा कर चुके उम्मीदवारों के दावों को अगली शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में स्वीकार किया जाएगा, भले ही वे अब उम्र सीमा से बाहर हो चुके हों।
यह ऐतिहासिक आदेश सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एवं तत्कालीन न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने 5 मई 2025 को जारी किया।
बिहार सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से 7 फरवरी 2024 को एक शिक्षक भर्ती विज्ञापन जारी किया गया था। इस विज्ञापन के अनुसार, केवल वे उम्मीदवार पात्र माने गए, जिन्होंने निर्धारित समयसीमा तक डीएलएड डिग्री पूरी कर ली थी और उम्र सीमा में भी फिट थे।
हालांकि, कई अभ्यर्थी ऐसे थे जिन्होंने 18 महीने का D.El.Ed डिप्लोमा तो पूरा कर लिया था लेकिन उस समय तक उम्र सीमा पार कर चुके थे। ऐसे सभी अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया था, जिसके खिलाफ उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
सुनवाई के दौरान शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ और सचिव अजय यादव भी कोर्ट में उपस्थित रहे। राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रणजीत कुमार ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि सरकार ऐसे अभ्यर्थियों के दावों पर सकारात्मक विचार करेगी।
कोर्ट ने माना कि सरकार ने जानबूझकर नियमों की अनदेखी नहीं की थी, इसलिए अवमानना का नोटिस वापस ले लिया गया और लंबित याचिका को समाप्त कर दिया गया।
इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन उम्मीदवारों की पात्रता सात फरवरी, 2024 के विज्ञापन के अनुसार बनती थी, वे आगामी शिक्षक चयन प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे, भले ही वर्तमान में उनकी उम्र सीमा पार हो चुकी हो।
इस ऐतिहासिक फैसले के साथ ही पटना हाईकोर्ट में लंबित मामला ‘मति कुमारी बनाम बिहार सरकार’ भी समाप्त हो गया। यह मामला भी इसी मुद्दे से जुड़ा हुआ था और हजारों अभ्यर्थियों को इससे उम्मीद थी।
बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से उन हजारों डीएलएड डिग्रीधारकों को राहत मिली है, जो तकनीकी कारणों से अब तक शिक्षक बनने की दौड़ से बाहर थे। अब वे आगामी बहाली प्रक्रिया में पूरे अधिकार के साथ भाग ले सकेंगे।