जमशेदपुर/रांची (संवाददाता)। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रकृति पर्व करमा पूजा के अवसर पर जमशेदपुर के सिदगोड़ा के जैप 6 परिसर में करम का पौधा लगाया।
इस अवसर पर श्री दास ने वहां उपस्थित सभी लोगों को करमा पूजा एवं बकरीद की बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत की एकता का कारण हमारी साझा संस्कृति है, नृत्य एवं संगीत झारखण्ड की पहचान है। इस संस्कृति को बचाए रखना है।
उन्होंने कहा कि करमा पर्व की अनेक कथाएं हैं जो हमें अच्छा कर्म करने के लिए प्रेरित करती हैं। वे भगवान से कामना करता हूं कि उन्हें इतनी शक्ति दे की वे कुपोषण एवं गरीबी को झारखण्ड से समाप्त कर सकें।
उन्होंने इस अवसर पर कहा कि सरना एवं सनातन धर्म में कोई अन्तर नही है, दोनो प्रकृति की पूजा करते हैं। उन्होंने कहा कि जितने भी वृक्ष हैं उन सभी में देवी देवता का वास होता है। यह प्रकृति पूजा ही हमारी संस्कृति है।
श्री दास ने इस अवसर पर कहा कि करम वृक्ष धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं इस लिए अगले वर्ष करमा पूजा के अवसर पर करम पर्व मनाते हुए पूरे राज्य में वन विभाग द्वारा करम के पौधे लगाए जाएगे।
उन्होंने कहा कि वृक्षों की कितनी कमी है इसका अनुमान हम सभी जलवायु परिर्वतन को देख कर लगा सकते है, इसलिए हम सभी को अधिक से अधिक वृक्ष लगाने चाहिए।
श्री दास ने सूर्य मंदिर में स्थानीय पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने शिशु एवं मातृत्व मृत्यु दर में कमी लाने पर जोर दिया है, इसके सकारात्मक परिणाम आये हैं। यह स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट से भी स्पष्ट है। उनकी सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली एवं पानी की समस्या को पूरी तरह से समाप्त करने की दिशा में काम कर रही है।
उन्होनें पत्रकारों से कहा कि सरकार ने 20 हजार शिक्षकों की बहाली कर ली है तथा 18 हजार शिक्षकों को नियुक्त करने जा रही है जिससे कि शिक्षा के स्तर को सुधारा जा सके।
उन्होंने कहा कि गरीबी, कुपोषण, अशिक्षा को वे दूर करने का प्रयत्न कर रहें हैं। इस अवसर पर उन्होंने पत्रकारों से अपील किया कि देश के चौथे स्तम्भ के रुप में कार्य करतें हैं, समालोचना करें पर, जो सकारात्मक कार्य धरातल पर किया जा रहा है उसे भी सामने लाएं और लोगों को जागरुक करें।