नगरनौसा। नालंदा जिले के नगरनौसा प्रखंड के विभिन्न इलाको में सदियों बीत जाने के बाद भी खुले में शौच बदस्तूर जारी है। प्रखंड मुख्यालय से लेकर कई गांव के लोग छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग महिलाएं लाइन लगा कर खुले में शौच जाते हैं। कुछ शिक्षित युवाओं के द्वारा खुले में शौच से होने वाली बीमारियों के बारे में इन लोगों को बताने पर ये लोग उनकी बात समझना तो दूर, उल्टा उन्हीं का मजाक उड़ाते हैं।
रामघाट लोहन्डा मुख्य सड़क पर स्थित तीना लोदीपुर, मोहिउद्दिनपुर, महमदपुर सैदनपुर आदि दर्जनों गांव के लोग खुले में शौच सुबह शाम इस प्रकार जाते हैं कि जैसे कोई वांटेड थाने में हाजरी देने जाता हो। मोहिउद्दिनपुर गांव में तो घर-घर शौचालय निर्माण कार्य का अभी तक श्री गणेश भी नही हुआ है।
इन लोगों की मानसिकता इस प्रकार कुंठित हो चुकी है कि उसे बदलने की हर पहल स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के लिए भी सरदर्द साबित हो रही है। जिनके घरों में शौचालय है, वे सड़क किनारे खुले में शौच करना बेहतर समझते हैं।
विशाल कुमार, विवेक कुमार, शम्मी कुमार, धनन्जय कुमार, नीतीश कुमार आदि दर्जनों युवाओं ने बताया कि ये लोग जब सुबह-शाम जॉगिंग करने के गांव के मार्गों या मुख्य सड़क पर निकलते हैं तो शौच-दुर्गंध के कारण उन्हें सांस लेना भी मुश्किल हो जाती है। कहीं-कहीं तो इस कारण उल्टियां भी होने लगती है।
युवाओं का यह भी कहना है कि नालंदा के डीएम की खुले में शौच से मुक्ति की दिशा हो रही सराहनीय पहल की दिशा में पंचायत प्रतिनिधियों की कोई दिलचस्पी नहीं दिखती है, वे लोग सिर्फ इस योजना में लूट मचाने में ही अधिक मस्त दिखते हैं।