अन्य
    Saturday, November 23, 2024
    अन्य

      12 साल से मुआवजे को तरस रहे ललमटिया कोल खदान के विस्थापित !

      • नागमणि कुमार

      गोड्डा ।  चैंकाने वाली तस्वीर राजमहल परियोजना क्षेत्र गोड्डा जिले की है। ललमटिया स्थित कोयला खदान के नाम पर जमीन देने वाले लोग आज 12 साल से मुआवजे को तरस रहे हैं।

      विस्थापित गांवों में न तो पीने का पानी है और न ही रहने को ठीक-ठाक आसियाना। मुख्य सड़क से 7-8 किलोमीटर वाले क्षेत्र में न तो यातायात का सुलभ साधन है, न ही शिक्षा व्यवस्था।

      बदहाली का आलम ऐसा है कि कड़ाके की ठंढ में भी मासूम बच्चों के शरीर पर तन ढंकने को कपड़ा भी नजर नहीं आ रहा! विकास की धारा से दूर बोआरीजोर प्रखण्ड का चरण टोला भोड़ाई गांव जहां के लगभग 40 परिवार आज 12 वर्षों से बदत्तर जीवन जीने को मजबूर हैं।

      ग्रामिणों से मिली जानकारी के अनुसार 12 साल पहले उन्होंने राजमहल परियोजना को अपनी जमीन कोयला उत्खनन हेतु दी थी। लम्बा अरसा बीत जाने के बावजूद न तो मुआवजा मिला और न ही ग्रामीणों का स्थापन।

      लाचार बेबस जमीनदाताओं की सुनने वाला आज यहां कोई नहीं। न्याय की गुहार करने वाली नजरें आज भी इंसाफ मांगते नजर आ रही है। अभी टोला, डहा टोला, बथान टोला को विस्थापित किया गया। मगर चरण टोला भोड़ाई के लोग आज भी अपने हक से महरूम है।

      सवाल उठता है विकास के नाम पर परियोजना और कॉपोरेट को जमीन देने का असली परिणाम यही होगा क्या?

      संबंधित खबर

      error: Content is protected !!