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    Friday, November 22, 2024
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      6 लाख की घूस लेते रंगे हाथ दबोचे गए एडीएम को लेकर जश्न का माहौल

      निगरानी व अन्वेषण ब्यूरो पटना के डीएसपी गोपाल पासवान के नेतृत्व में सरकारी आवास से दबोचे गए बेगूसराय के एडीएम ओम प्रकाश प्रसाद के कई कारनामे सामने आने लगे हैं….”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। बिहार के बेगूसराय जिला में पदास्थापित एडीएम ओम प्रकाश के सरकारी आवास पर निगरानी व अन्वेषण ब्यूरो पटना के डीएसपी गोपाल पासवान के नेतृत्व में अहले सुबह छापेमारी हुई और 6 लाख रुपए की नकद रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोच लिया।

      एडीएम ओम प्रकाश ने एक व्यक्ति से उसके काम करने के एवज में मोटी रकम की मांग की थी। जिसका अग्रिम भुगतान करने के लिए आज आवास पर बुलाया था।crupt adm2

      इसी के सत्यापन के लिए निगरानी की टीम अचानक छापेमारी की। छापेमारी के दौरान एडीएम ओम प्रकाश प्रसाद के आवास से 5 लाख 50 हजार नगद बरामद हुए। साथ ही 6 लाख रुपए लेते हुए रंगे हाथ एडीएम को निगरानी विभाग ने किया गिरफ्तार।

      एडीएम पर पैसे लेकर काम न करने का भी आरोप है। पैसे वापस मांगने पर झूठे मुक़दमे में फंसा कर जेल भेज देते थे। वह कई अधिवक्ता और पत्रकार पर भी मुकदमा दायर कर चुका है। पिछले 6 माह से अधिवक्ताओं ने इनके न्यायालय का बहिष्कार कर रखा है।

      पनहास निवासी अधिवक्ता प्रमोद सिंह से इन्होने 6 लाख रूपये की मांग की थी। जिसके बाद अधिवक्ता ने निगरानी विभाग से संपर्क किया। इसके पहले भी निगरानी विभाग को इनके खिलाफ कई शिकायतें मिल चुकी हैं।

      शनिवार की सुबह जैसे ही एडीएम के आवास पर छापेमारी की खबर लोगों को मिली तो दर्जन भर से अधिक पीड़ित परिवार सहित भारी संख्या में लोग वहां पहुंच गए। व्यवहार न्यायालय परिसर में तो आज जश्न का माहौल रहा।

      गौरतलब हो कि एडीएम ओमप्रकाश पैसा लेकर काम नहीं करने व पैसा लौटाने की मांग करने पर मुकदमा कर जेल तक पहुंचाने को लेकर भी चर्चित रहे हैं। दो अधिवक्ता पर बेवजह मुकदमा करने को लेकर वकीलों ने 23 मई 18 से एडीएम के न्यायालय का वहिष्कार कर रखा है। बावजूद इसके एडीएम पैसा लेकर फैसला सुनाते रहे हैं।crupt adm1

      एडीएम द्वारा मोबाइल पर घूस मांगने का ओडियो भी छह माह पूर्व वायरल हुआ था। पर उंची पहुंच के कारण उनका कुछ नहीं बिगड़ा था। इतना ही नहीं हाल ही में एक मामले की जानकारी लेने पहुंचे एक दैनिक अखबार के संवाददाता से भी उलझ गए थे।

      एडीएम ने संवाददाता ही नहीं उसके ब्यूरो चीफ पर भी एफआईआर दर्ज कराया था। इसके पूर्व उन्होंने कंप्यूटर आँपरेटर को कथित आरोप लगा कर उन्हें नौकरी से निकलवा दिया था। ऐसा कई मामले उनसे जुड़ा हुआ है।

      कुछ पीड़ित निगरानी विभाग को एडीएम के बैंक एकाउंट की जांच की मांग करने पहुंचे थे। निगरानी विभाग के पदाधिकारियों ने उन्हें सबूत के साथ अपने पास बुलाया है।

      नगर निगम के वार्ड 26 निवासी व अधिवक्ता प्रमोद कुमार सिंह ने 11 नवम्बर को निगरानी विभाग में आवेदन किया था। अगले ही दिन विभाग ने एक इंस्पेक्टर को सत्यापन के लिए यहां भेजा था। एडीएम मोटेशन केस के निबटारे के लिए 15 लाख मांग रहा था।

      बात 11 लाख पर तय होने के बाद पहले किस्त के रूप में 6 लाख रुपये लेकर प्रमोद सिंह निगरानी विभाग के पदाधिकारियों के साथ पहुंचे थे। रुपये लेते ही निगरानी विभाग ने उन्हें दबोच लिया।

      तलाशी लेने के दौरान उनके घर से 5 लाख 60 हजार नकद बरामद किया गया है। निगरानी विभाग ने छापेमारी को लेकर भारी सुरक्षा व्यवस्था की थी। गिरफ्तारी के बाद निगरानी विभाग डीएसपी गोपाल पासवान एडीएम ओमप्रकाश प्रसाद को अपने साथ पटना लेते गए हैं।

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