“एक ओर जहां केंद्र से लेकर राज्य तक की सरकारें बिटिया के सम्मान के लिए बिटिया बचाओ ढिंढोरे पीट रही है, वहीं हमारे समाज में आए दिन घटनाएं पूरी व्यवस्था को शर्मसार कर देती है”।
हद तो तब हो गई जब घटना के पखवारे भी बीत जाने के बाद अपराधियों की गिरफ्तारी आज तक नहीं हो सकी है। सुशासन बाबू के गृह प्रखंड-थाना में ही बिटिया के सम्मान और प्रतिष्ठा पर दाग लग जाए, जिसको लेकर पीड़ित दो सगी बहन को समाज में ईज्जतके साथ जीने का हक की मांग को लेकर पिछले 4 दिनों से अनिश्चितकालीन धरना पर बैठी हुई है।
मगर इन बेटियों का सुधबुध लेने अब तक न तो जिलाधिकारी पहुंचे और न ही पुलिस अधीक्षक या कोई पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी। जबकि दोनों बिटिया रात में मच्छरदानी लगा कर नालंदा जिला मुख्यालय बिहार शरीफ स्थित अस्पताल चौक पर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठी है और रोज जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक तक अपने लाव-लश्कर के साथ गुजरते हैं।
जिला प्रशासन की कार्यशैली से नाराजगी जाहिर करते हुए जन कल्याण संघ एक आवाज के अध्यक्ष ने एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़ टीम को बताया कि सुशासन बाबू हमेशा जीरो टॉलरेंस पर कार्य करने की बात करते हैं। उनके गृह प्रखंड में बेटियों के साथ इस तरह का भयावह घटना को अपराधी सरेआम अंजाम देते हैं। लेकिन पुलिस अपराधियों को खुले साढ़ की तरह छोड़ रखी है।
अध्यक्ष ने बताया कि प्रशासनिक तौर पर अब तक यहां हड़ताल पर बैठे पीड़ित असहाय इन बेटियों के पास कोई सांत्वना देने तक नहीं पहुंचे हैं। आखिर सरकार किस तरह से बिटिया बचाओ अभियान चलाती है।
अध्यक्ष ने कहा कि अगर इनकी मांग को पूरा नहीं किया जाएगा तो जल्द ही यह दोनों सगी बहन जिलाअधिकारी के समक्ष आत्मदाह करेगी, क्योंकि इन दोनों बहनों का कहना है कि अब हमें समाज में लोग किस नजरिया से देखेंगे। हमारी सम्मान और प्रतिष्ठा को कितना बड़ा ठेस पहुंचा है।
सवाल उठता है कि जहां सुशासन बाबू बिटिया के सम्मान के लिए अनेक महात्वाकांक्षी योजना का क्रियान्वयन की नीति बनाते हैं, वहीं उनके गृह प्रखंड में अपराधी बेलगाम होकर बिटिया के सम्मान और प्रतिष्ठा के साथ खिलवाड़ करने में जब नाकाम साबित हो जाता है तो उन पर जानलेवा हमला कर देता है। आखिर यह सब कब तक होता रहेगा। सीएम साहब के जीरो टॉलरेंस की सुशासन में?