” हरियाणा के महामहिम बने श्री एसएन आर्य कभी नालंदा के चंडी अंचल में क्लर्क की नौकरी करते थें । 70 के दशक में वें चंडी अंचल में क्लर्क हुआ करते थे। उस समय राज्य के तत्कालीन शिक्षा मंत्री एवं चंडी विधानसभा से विधायक डॉ .रामराज सिंह उर्फ ”राजा बाबू की गाज उन पर गिरी थी। राजा बाबू के उस कोपभाजन के बाद श्री आर्य ने अपनी सरकारी नौकरी को लात मारकर राजनीति में कैरियर की शुरुआत की थी….”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। बिहार के नालंदा के राजगीर (सुरक्षित) सीट से भाजपा से कई बार विधायक रहे और नीतीश कैबिनेट में खान एवं भूतत्व मंत्री रहे सत्यदेव नारायण आर्य को हरियाणा का नया राज्यपाल बनाया गया है। उनके राज्यपाल बनने की खबर के बाद नालंदा के राजगीर में हर्ष देखा जा रहा है।
हरियाणा के नए राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य सरकारी नौकरी से त्याग पत्र देकर राजनीति में आए। सिर्फ आएं ही नहीं छा भी गए।
कहा जाता है कि चंडी अंचल में किरानी रहते हुए उन्होंने मंत्री से पंगा ले लिया था। उन्होंने मंत्री से रार को प्रेस्टीज इश्यू बना लिया था। शायद इसी लिए मंत्री को करारा जबाब देने के लिए श्री आर्य ने नौकरी से इस्तीफा दे देकर राजनीति में कूद गए।
राजनीति में वे आए ही नही कुछ ही समय में पूरी तरह भाजपा में छा भी गए। सिर्फ इतना ही नहीं, उन्होंने पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ रामराज सिंह को करारा जबाब भी दिया ।
बताया जाता है कि हरियाणा के नए राज्यपाल सत्य देव नारायण आर्य, जब चंडी में 1971 में किरानी थे, तब एक मामले को लेकर तबके तात्कालीन शिक्षी मंत्री डॉ रामराज सिंह और उनके बीच विवाद उत्पन्न हो गया था।
इस मामले को लेकर शिक्षा मंत्री ने उन्हें काफी लताड़ा था तथा कार्रवाई की भी धमकी दी थी। बाद में तत्कालीन शिक्षा मंत्री ने उनका तबादला कहीं अन्यत्र करा दिया था। इस कार्रवाई की जद में तबके नाजीर और क्षेत्र के जाने माने अधिवक्ता लक्ष्मण प्रसाद सिंह तथा आपूर्ति निरीक्षक मुन्द्रिका ठाकुर भी आ गए थे।
इन दोनों ने अपने तबादले को स्वीकार कर लिया लेकिन एसएन आर्य ने मंत्री के इस फैसले को स्वीकार करने के बजाय इस्तीफा देना बेहतर समझा। उन्होंने सरकारी नौकरी को लात मार दी और बाद में सक्रिय राजनीति से जुड़ गए।
तत्कालीन शिक्षा मंत्री डॉ रामराज सिंह को करारा जबाब देने के उद्देश्य से राजनीति में आए श्री आर्य 1972 में अपनी किस्मत आजमाईल लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी।
1977 में उन्हें सफलता हाथ लगी और पहली बार विधायक निर्वाचित होकर वें बिहार विधानसभा पहुँचे। लेकिन बिडम्बना देखिए 1977 में उनका सामना पूर्व मंत्री से विधानसभा में नहीं हो सका। 1977 में कांग्रेस विरोधी लहर में चंडी विधानसभा से पहली बार हरिनारायण सिंह जीतकर विधानसभा पहुँचे।
1979 में रामसुंदर दास मंत्रिमंडल में ग्रामीण विकास राज्यमंत्री बने। राजगीर सुरक्षित से नौ बार विधायक रहे सत्य देव नारायण आर्य 2015 का चुनाव जीत नहीं सके। अचानक पुलिस सेवा से वीआरएस लेकर राजनीति में कूदे श्री रवि ज्योति उनका खूंटा एक झटके में उखाड़ दिया।
सरकारी नौकरी में मंत्री डॉ रामराज सिंह के साथ एक पंगे ने इनकी तकदीर बदल दी। दो बार मंत्री तथा नौ बार विधायक रहे सत्यदेव नारायण आर्य आज हरियाणा के राज्यपाल बनाए गए हैं। भाजपा में एक लंबी पारी का इनाम उन्हें आज प्राप्त हुआ है।