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    Saturday, November 23, 2024
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      सृजन घोटाले में सबसे चमत्कारी निकले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे

      “मॉल निशिकांत के प्लॉट पर बन रहा है। मानिक सरकार चौक की इस ज़मीन का ज़िक्र निशिकांत ने अपनी 2009 और 2014 की एफिडेविट में किया है। ज़मीन की ख़रीद 2007 की दिखाई गई है।”

      वरिष्ठ पत्रकार दिलीप सी. मंडल का खुलासा…..nishikant srijan scame mall

      सृजन घोटाले की ज़मीन भागलपुर के सबसे बड़े चमत्कार हैं बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे। दिल्ली की पावर सर्किल में इनका काफी देर से प्रवेश हुआ है। पहले बीजेपी महासचिव गोंविदाचार्य की सेवा टहल करते थे। वहीं से संपर्क बनने लगे।

      फिर गोविंद जी आउट हो गए। लेकिन दिन पलटे और निशिकांत बड़े हो गए। इतने बड़े कि झारखंड के गोड्डा में गौतम अडानी को ले गए हैं, ताकि वे वहाँ बिजली बनाकर बांग्लादेश को बेच सकें।

      बहरहाल, भागलपुर शहर के सबसे ख़ास इलाक़े में एक विशाल मॉल को बनता हुआ कोई भी देख सकता है। पूर्वी बिहार का यह सबसे बड़ा मॉल है। इसमें फ़ाइव स्टार होटल और तीन स्क्रीन वाला सिनप्लेक्स भी होगा।

      शहर के किसी ऑटो या रिक्शा वाले से कहिए कि आपको निशिकांत दुबे के मॉल में जाना है, तो वह आपको सही जगह पहुँचा देगा। इस मॉल में सृजन कांड के महत्वपूर्ण अभियुक्त और बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विपिन शर्मा ने 4 स्टोर बुक कराए हैं।

      हालांकि इसका बाज़ार मूल्य बताने में वे ग़लत बोल गए हैं। उन्होंने इसकी क़ीमत चार करोड़ रु दिखाई है। यह ज़मीन सौ करोड़ से कम की नहीं है। आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि मॉल कितनी ज़मीन पर बनता है।

      निशिकांत का एफिडेविट बताता है कि वे बेहद साधारण परिवार से हैं। उनकी पैतृक संपत्ति न के बराबर है। लगभग सारी जायदाद नई ख़रीदारी है।

      आज उनके पास है………

      nishikant dubey– दिल्ली के पॉश सैनिक फ़ॉर्म में बंगला,

      – मुंबई के खार में फ़्लैट,

      – दिल्ली के कनॉट प्लेट में फ़्लैट,

      – पटना में फ़्लैट,

      – भागलपुर में कोठी,

      – नोएडा में फ़्लैट,

      – ऑडी, इंडेवर, मित्सुबिशी पजेरो, टोयोटा करोला, सफ़ारी आदि गाड़ियाँ हैं,

      – लगभग आधा किलो सोना और इतना ही चाँदी है।

      – कृषि ज़मीन है।

      – शेयर हैं।

      – एक करोड़ जैसी रक़म बैंक में है।

      लेकिन आमदनी…………….?

      इस परिवार की सालाना आमदनी 66 लाख रुपए है। फिर निशिकांत दुबे के पास कौन सा गड़ा हुआ ख़ज़ाना है? है तो उसका ज़िक्र एफिडेविट में क्यों नहीं। यह निशिकांत साम्राज्य का सिर्फ उतना सा ब्यौरा है जो उनकी अपनी एफिडेविट में है।

       

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