पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज ब्यूरो)। बिहार में फर्जी शिक्षकों के लिए एक बुरी खबर आ रही है। अब राज्य के फर्जी शिक्षकों की खैर नहीं। उन्हें हटाने का फरमान शिक्षा विभाग ने जारी कर दिया है। यानी उनकी उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है।
बिहार के उन नियोजित शिक्षकों के लिए बुरे दिन की शुरुआत होने जा रही है जो नियोजन इकाई की मिलीभगत से फर्जी तरीके से स्कूलों में योगदान देकर शिक्षक बने हुए हैं। वैसे शिक्षकों को तत्काल बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया गया है। सिर्फ इतना ही नहीं वैसे शिक्षकों से वेतन की राशि भी वसूली जाएगी, जो उन्होंने शिक्षक रहते प्राप्त किया था।
बिहार के प्राथमिक शिक्षा निदेशक अरविंद कुमार वर्मा ने सूबे के सभी डीईओ को आदेश जारी कर निगरानी जांच में फर्जी पाए गए शिक्षकों को हटाने, राशि वसूल करने और केस दर्ज करने का निर्देश दिया है। साथ ही कार्रवाई का ब्योरा भी तलब किया है।
निदेशक ने साफ लिखा है कि पहले भी इस संबंध मे निदेशित किया गया है। लेकिन अभी तक फर्जी पाए गए शिक्षकों को नियोजन इकाई की तरफ से नहीं हटाया गया है।
निदेशक ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को यह जिम्मेदारी दी है की वे सभी नियोजन इकाई से कार्रवाई की रिपोर्ट लेकर मुख्यालय को सूचित करें। निदेशक ने डीइओ को कार्रवाई से संबंधित एक फॉरमेट मुहैया कराया है जिसे भर कर जमा करना होगा।
गौरतलब रहे कि बिहार में व्यापक पैमाने पर फर्जी शिक्षकों की बहाली की शिकायत पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए इसकी जांच का आदेश निगरानी विभाग को दिया था।
हाईकोर्ट के आदेश पर निगरानी विभाग ने प्राथमिक और मध्य विधालयों मे बहाल नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच शुरू की थी। जांच में हजारों की संख्या में ऐसे शिक्षक मिलें थे, जिनका प्रमाण पत्र फर्जी था।
निगरानी विभाग ने वैसे शिक्षकों को बर्खास्त करने, वेतन राशि वसूल करने और केस दर्ज करने की सिफारिश की थी। लेकिन नियोजन इकाई ने निगरानी विभाग के आदेश पर भी कोई कार्रवाई नही की और फर्जी शिक्षकों को बहाल रखा।
आज भी बड़ी संख्या में वैसे शिक्षक नियोजन इकाई की मिलीभगत से काम कर करे हैं। वे सिर्फ काम ही नही कर रहे, बल्कि वेतन भी ले रहे हैं।
कई बार विभाग ने पत्र लिखकर इन शिक्षकों को हटाने का आदेश दिया। लेकिन जिलास्तर, प्रखंड, पंचायत स्तर की नियोजन इकाई के सचिव आदेश को दबाए बैठे रहे। अब एक बार फिर से शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इसके संबंध में आदेश जारी किया है।
यहां तक कि नालंदा समेत राज्य के कई जिलों में हजारों शिक्षकों के फोल्डर ही गायब है। निगरानी विभाग के निर्देश के बाद भी नियोजन इकाई शिक्षकों का फोल्डर जमा नहीं करा सके हैं।
इतना ही नहीं नियोजन इकाई भंग होने के बाद भी बिना रिक्ति के ही फर्जी तरीके से शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है। नालंदा और नवादा में इसकी संख्या सर्वाधिक है।
अब देखना है कि शिक्षा विभाग के इस आदेश के बाद फर्जी शिक्षकों को हटाया जाता है या नहीं । फिलहाल इस आदेश से फर्जी शिक्षकों में खलबली मची हुई है। सर्वाधिक फर्जी शिक्षक नियुक्ति मामल में अव्वल नालंदा में भारी हड़कंप देखा जा रहा है।