“महज चार महीनों में ही यह ढ़लाई जमींदोज होने के कगार पर है, जो खुद नगरनौसा प्रखंड मुख्यालय में बैठे आकाओं से लेकर अरियावां पंचायत के जनप्रतिनिधियों के भ्रष्टाचार का खुलेआम पोल खोल अपनी बदहाली पर रो रहा है…..”
नगरनौसा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। नालन्दा जिले के नगरनौसा प्रखंड में सीएम के अति महत्वाकांक्षी सात निश्चय योजना में से एक नावार्ड योजना के तहत पीसीसी ढलाई योजना, जो अपनी दुर्गति पर खुद रो-रोकर भ्रष्टाचार की पोल खोल रहा है।
नगरनौसा प्रखंड के अरियावां पंचायत के वार्ड नंबर 11 (गांव मुर्दलीचक), जहां नावार्ड योजना के नाम पर केवल खानापूर्ति किया गया है। मुर्दलीचक और कंगाली बिगहा गांव से नगरनौसा-डियावां मुख्य सड़क पथ के पुल तक फ़टी हुई पीसीसी ढलाई की हालत में प्रखंड मुख्यालय में ऊंचे पद पर बैठे आकाओं की संलिप्तता से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। क्योंकि महज चार महीने में हीं यह पथ जमींदोज होने के कगार पर है।
बताते चलें कि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत नगरनौसा प्रखंड के अरियावां पंचायत के मुर्दली चक गांव और कंगाली बिगहा के वार्ड नंबर 11 व वार्ड नंबर 9 में नगरनौसा मुख्य बाजार से डियावां पथ से मुर्दलीचक व कंगाली बिगहा गांव तक पीसीसी ढ़लाई की स्थिति काफी खराब है।
यह कार्य महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना व नावार्ड योजना के तहत मिट्टी भराई, ईंट सोलिंग व पीसीसीढ़लाई के तहत आईओआरसी-20271072, प्राप्त राशि 9,81,200 रु, श्रम दिवस 650+30+90, समाग्री 8,35,38, कार्य प्रारंभ की तिथि-11/06/17, मुखिया अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में अभिकर्ता जितेंद्र कुमार आईपीआरएस कार्य एजेंसी के द्वारा पूर्ण किया गया।
ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या सीएम के अति महत्वाकांक्षी योजनाओं को आखिरी कब तक भ्रष्टाचारी दीमक की तरह चाटते रहेंगे। वहीं उपरी कार्रवाई में शून्यता क्यों?