“ख़ुफ़िया रिपोर्टों की अगर मानें तो आदिवासी संगठन इस साल भी CM का विरोध कर सकते हैं। लेकिन तब सी हालात अब नहीं दिख रहे…..”
सरायकेला (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। 1 जनवरी 2017 को मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार मुख्यमंत्री रघुवर दास खरसावां गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि देने खरसावां पहुंचे थे, लेकिन JMM ने CNT/ SPT एक्ट संसोधन बिल के विरोध में CM के कार्यक्रम का विरोध किया था।
भारी सुरक्षा को धत्ता बताते हुए मुख्यमंत्री पर आदिवासी संगठनों और उनकी आड़ में JMM कार्यक्रमों ने पहले मुख्यमंत्री को काला झंडा दिखाया, फिर जमकर उनकी तरफ जूते- चप्पल उछाले।
उसके बाद से सीएम दुबारा खरसावां शहीद स्थल नहीं गए, इस साल मुख्यमंत्री सचिवालय की ओर से शेड्यूल जारी किया गया, सुरक्षा का चाक- चौबंद व्यवस्था किया गया, लेकिन ऐन वक्त पर CM का कार्यक्रम रद्द हो गया।
अब देखने वाली बात है कि क्या 1 जनवरी 2019 को मुख्यमंत्री खरसावां गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि देने आते हैं या नहीं? वैसे ख़ुफ़िया रिपोर्टों की अगर मानें तो आदिवासी संगठन इस साल भी CM का विरोध कर सकते हैं।