” ऐसी-ऐसी बातों को कुरेद-कुरेद्कर सामने लाए जिसकी कल्पना भी शायद नीतीश कुमार ने नहीं किया होगा। गिन-गिन कर अपने एहसान गिनाए और नीतीश कुमार की कलई खोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ”
पटना (संवाददाता)। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने आज मंगलवार को पटना स्थित राबड़ी आवास पर आयोजिय प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम नीतीश कुमार पर करारा प्रहार करते हुये कहा कि नीतीश कुमार ने ज़ीरो टॉलरेन्स का बहाना बनाकर, उसकी चादर ओढ़कर पलटी मारी है। नीतीश कुमार को झूठ बोलने में शर्म नहीं आती।
उन्होंने कहा कि वे नीतीश को बचपन से जानते हैं। वर्ष 70-71 में वे छात्र संघ के सचिव बने। उस वक्त नीतीश कुमार का कहीं अता-पता नहीं था। नीतीश कुमार को आगे बढ़ाने में उन्होंने हर मोर्चे पर योगदान दिया। इस बाद को सभी जानते हैं।
उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि नीतीश कुमार क्या थे और लालू प्रसाद ने उन्हें क्या बना दिया। अब नीतीश कुमार को चाहिए कि भगवा चादर ओढ़ लें और जय श्रीराम का नारा लगाना शुरू कर दें।
लालू प्रसाद ने कहा कि नीतीश बोलते हैं कि उन्होंने लालू को वोट दिलवाया लेकिन सच्चाई यह है कि वे मगध महिला कॉलेज में गया, जहां सिर्फ और सिर्फ उनकी एंट्री थी। शिवानंद तिवारी का हवाला देते हुए लालू प्रसाद ने कहा कि नीतीश को शिवानंद और जगदीश शर्मा को उन्होंने नॉमिनी बनाया। जिसके बाद उनकी पहचान बनी।
लालू प्रसाद ने छात्र राजनीति का जिक्र करते हुए नीतीश कुमार पर लगातार निशाना साधा। तब शुशील मोदी हाफ पैंट पहन कर आरएसएस का झंडा ढोते थे।
उन्होंने बताया कि जेपी ने खुद मुझे छात्र संघर्ष संचालन समिति का अध्यक्ष बनाया। नीतीश कुमार को आडवाणी ने 1994 में हाथ पकड़ कर राजनीति में प्रवेश कराया।
लालू प्रसाद ने नीतीश कुमार के साथ गठबंधन की बाबत कहा कि उन्होंने यह कहा था कि नफरत की राजनीति करने वालों को दूर करने के लिए उन्हें जहर भी पीना पड़े तो पी लेगें।
उन्होंने बताया कि मुलायम सिंह कहने पर उन्होंने गठबंधन करने का फैसला लिया। नीतीश खुद चलकर उऩके यहां गये थे। वे नीतीश के राजनीतिक चरित्र को जानते थे। तब नीतीश ने कहा था हम बूढ़े हो गए, इन बच्चों का जमाना है। एक टर्म दे दीजिए। तेजस्वी यादव ने अच्छा काम किया और नीतीश उसकी लोकप्रियता से घबरा गए।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार “तुम भूल गए कि तुम्हारी हैसियत क्या थी। हम छपरा में 3 लाख से ज्यादा वोट से जीते, उस वक्त तुम छात्र नेता थे। लालू ने ये भी कहा कि नीतीश दो-दो बार विधानसभा चुनाव हारे और लोकसभा भी हारे। नीतीश जी तुम चुनाव हारने के बाद मेरे पास हाथ जोड़कर आए थे। ”
नीतीश के आरोपों का लालू ने यूं दिया बिन्दुवार जवाब
नीतीश के आरोपों का जवाब देने जब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद आज पत्रकारों के सामने आएं तो आंकड़ों से भी लैस थे और याददाश्त को भी तरोताज़ा कर लिया था।
कुछ बातों को लालू लिख कर भी ले आए थे, बीच-बीच में वहां देख लेते थे ताकी कोई बिन्दू छूट ना जाए। नीतीश जब साथ थे तब लालू परिवार को कहते रहे कि उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का बिन्दुवार जवाब जनता को दें, वो तो नहीं हुआ पर नीतीश द्वारा लगाए आरोपों पर एक दिन के भीतर दिया बिन्दुवार जवाब।
महागठबंधन के सवाल परः
“मैं नहीं चाहता था कि इसको (नीतीश को) आगे खड़ा करूं। इसका चरित्र मैं जानता था (राजनीतिक, निजी नहीं) इसका कोई भरोसा नहीं। लेकिन मुलायम जी ने सिफारिश की। मैंने कहा कि मैं घोषणा नहीं करूंगा। मुलायम के कहने पर नीतीश को नेता माना। नीतीश पर कोई भरोसा नहीं। नीतीश को ज़हर कहने पर भी सफाई दी। मेरे घर आकर गठबंधन का प्रस्ताव रखा।”
नरेन्द्र मोदी परः
“नीतीश नरेन्द्र मोदी का जय जयकार कर रहे हैं। कल तक मोदी को कोस रहे थे। ढोल झाल, भगवा ध्वज भी कंधे पर ले लें और जय श्री राम करते रहें। नीतीश आरएसएस–भाजपा की गोद में।”
भ्रष्टाचार के सवाल परः
“सिर्फ एफआईआर से भ्रष्टाचार साबित नहीं होता। नीतीश कुमार ने मेरे खिलाफ केस करवाया। बिना मुख्यमंत्री की जानकारी के सीबीआई के छापे नहीं होते। नीतीश के इशारे पर हुए सीबीआई के छापे।”
तेजस्वी के सवाल परः
“नीतीश मेरे बेटे की बलि चढ़ाना चाहते थे। तेजस्वी की बढ़ती ख्याति से नीतीश डर गए थे। तेजस्वी के सवाल पर गर्दन झुकाकर बैठे रहे विधान सभा में। तेजस्वी इस्तीफा दे देता तब भी बीजेपी के साथ जाते। तेजस्वी बहाना था, पहले से मिले हुए थे।”
जाति या जन नेताः
” नीतीश कुमार की कोई हैसियत नहीं थी। 1977, 80 में एमएलए चुनाव हारे। इन्हें गरीब से चिढ़, गरीब आता है तो डिटॉल से घर साफ कराते हैं। मैं डीएम-एसपी को फोन करता हूं और करते रहूंगा क्यूंकि जनता हमसे उम्मीद रखती है। अगर नीतीश जन नेता हैं तो कुर्मी सम्मेलन में क्यूं गए, मैं कभी यादव सम्मेलन में नहीं गया। मैं सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय वाला नेता।”
शरद यादव परः
“शरद यादव ने नीतीश को जिताने में जान लगाई। शरद यादव ने नीतीश को बनाया, टिकट दिया। शरद यादव को ऑफर दिया कि देश बुरे स्थिति में फंसा है, हमें मिलकर देश को बचाना है।”
शराबबन्दी परः
“40,000 पासी बेरोजगार् हो गए। शराब की होम डिलीवरी हो रही है बिहार में। हालांकि आगे बात संभालते हुए कहा कि आरजेडी शुरु से कह रहा है कि मदिरालय नहीं, पुस्तकालय चाहिए।”