हरनौत, नालंदा (रविरंजन)। सरकार या वरीय अधिकारी चाहे जो कह ले, स्थानीय अस्पताल के डॉक्टर का मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रहा है। हमेशा कोई न कोई नया मामला प्रकाश में आते रहता है। लापरवाही के चलते या चिकित्सकों का ड्यूटी पर तैनात नहीं रहने के कारण अब तक कई मरीजों की जान तक जा चुकी है।
इस मामले में एक नया घटना प्रकाश में आया है। पीड़ित परिवार थाना क्षेत्र के बस्ती पंचायत स्थित जोरारपुर गांव का निवासी है।पीड़ित सिद्धेश्ववर रविदास ने बताया कि गुरुवार की रात को उसकी बेटी करीना कुमारी को विच्छू ने काट लिया था। जिसे गांव में प्राथमिक इलाज के बाद मरीज का हालत चिंताजनक होते देख परिजनों ने स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराने लाया।
उन्होंने बताया कि उस समय ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक गायब थे। अस्पतालकर्मी के द्वारा खबर दिये जाने के बाद चिकित्सक मणिकांत गुप्ता आये। मरीज को देखते हुए उन्होंने अपने गोनावाँ रोड स्थित निजी क्लिनिक वात्सल्य नवजात एवं शिशु केयर क्लिनिक में ले चलने को कहा। जहाँ पर इलाज के पहले ही दो हजार रुपये जमा कराया गया।
बताते चलें कि गुरुवार को द्वारिकाविगहा गांव के पास एन एच 31 को जामकर वामोचक गांव के ग्रामीणों ने चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था। जिससे दो अलग अलग हुई सड़क दुर्घटना में दो लोगों की मौत हो चुकी है।
हॉस्पिटल प्रभारी डॉ अरबिंद कुमार सिंह ने मामले को लेकर कहा कि घटना की जांच कर सिविल सर्जन को लिखा जाएगा।
घटना के संबंध में वामोचक निवासी सुनीता देवी ने बताया कि बुधवार को सड़क दुर्घटना में घायल उनके भतीजे को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन ड्यूटी से डॉ मणिकांत गुप्ता के फरार रहने के वजह से फर्स्ट एड समय पर नहीं किया गया। अस्पतालकर्मी के द्वारा खबर मिलने के बाद अस्पताल पहुंचे डॉ घायल मरीज को बोरे की तरह सीकर पीएमसीएच रेफर कर दिया। एम्बुलेंस में ऑक्सीजन भी मौजूद नहीं था.।जिसके कारण उनजे भतीजे की मौत हो गई।
कहने को तो सीएम नीतीश कुमार के पैतृक गृह क्षेत्र का अस्पताल है लेकिन मरीजों के इलाज में बराबर लापरवाही की शिकायत आम सी हो गई है। आखिर जब उनके क्षेत्र के अस्पताल का यह हाल है तो जिले के अन्य अस्पतालों का क्या हाल हो सकता है ।