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    Friday, November 22, 2024
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      शराब माफियाओं की साजिश का शिकार होने वाले दूसरे थानाध्यक्ष बने कमलजीत

      ”  ‘बड़े बेआबरू होकर निकले तेरे कूचे से’ कुछ यही सोच रहें होंगे चंडी के सस्पेंडेड थानाध्यक्ष कमलजीत। कमोवेश अपने कई बेहतरीन कार्यों के बाद भी एक छोटी सी गलती ने उनके सारे उपलब्धियों पर पलीता लगा दिया। अपने छोटे से कार्य काल में एक दर्जन से ज्यादा उपलब्धियाँ उनके नाम दर्ज है।”

      बिहार शरीफ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)।  सुशासन बाबू यानि सीएम नीतिश कुमार के घर-आंगन माने जाने वाले नालंदा जिले के चंडी थाना क्षेत्र में शराब माफियाओ के साजिश के शिकार होने वाले चंडी के दूसरे थानाध्यक्ष बन गए कमलजीत । इससे पहले पूर्व थानाध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार भी शराब माफियाओ के वजह से विवादों में घिरे रहे थे।

      CHANDI ps kamaljeetचंडी के सस्पेंडेड थानाध्यक्ष कमलजीत कल तक शराब माफियाओ के लिए कहर बने हुए थे। बतौर चंडी थाना में अपने छोटे से कार्यकाल में उन्हें कई उपलब्धियाँ मिली।

      शराब कारोबारियों पर वे कहर बनकर टूटे। कई शराब माफियाओ की चूले हिलाने वाले कमलजीत खुद एक शराब माफिया के साजिश के शिकार बन गए। उनकी एक छोटी सी गलती या लापरवाही यही उनके निलंबन का कारण बन गई। 

      कमलजीत ने जनवरी, 2017 में उन्होंने चंडी थानाध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया था। उन्होंने चंडी थाना कांड संख्या 29/17 में एक मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। कांड संख्या 88/17 बाइक चोर गिरोह का भंडाफोड। कांड संख्या 114/17 चेहरा पहचानों के नाम पर ढगी करने वाले को उन्होंने दबोचा था ।

      chandi police crimeकांड संख्या 151/17 में उन्होंने रूखाई में फ्रीज के माध्यम से शराब कारोबार करने वाले शराब माफियाओ का भंडाफोड करने का काम किया। इस मामले में लगभग 1109 लीटर शराब बरामद की गई थी।

      चंडी कांड संख्या 171/17 में उन्होंने केवट गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली। कांड संख्या 181 में शराब की होम डिलीवरी करने वाले लोगों को पकड़ने में सफलता मिली।

      chandi policeकांड संख्या 267/ में उन्होंने चोरी की बाइक बेचने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश कर  एक ट्रैफ़िक पुलिस के साथ दस लोगों को पकड़ा था।

      कांड संख्या 310 में उन्होंने रामपुर हॉल्ट से बिंद के एक केवट गिरोह के सदस्य को धर दबोचा। यहां तक कि उन्होंने क्षेत्र के एक शराब माफिया के खिलाफ कड़ा एक्शन भी लिया । उसके कारोबार को बंद करा दिया था । थानाध्यक्ष कमलजीत की ही देन थी कि उस शराब माफिया को डीएम ने तड़ीपार किया।

      CHANDI ps kamaljeet 1यही वजह रही कि शराब माफियाओ के आंखों में वे किरकिरी बनें रहे और अंततः शराब माफिया के बिछाए जाल में वह बुरी तरह फंस गए। उनके खिलाफ वरीय पदाधिकारियों को शिकायतें मिलने लगी। वरीय पदाधिकारी की जांच में उनके खिलाफ शिकायत सही मिली और उन्हें सस्पेंशन लेटर थमा दिया गया ।

      इधर निवर्तमान थानाध्यक्ष कमलजीत के बारे में थाना क्षेत्र में कई चर्चे हवा में है। उन पर पैसे लेकर शराब के कई मामले रफा दफा करने की बात भी सामने आ रही है। थाना क्षेत्र में चर्चा है कि उनके साथ थाने के कई सहयोगी भी शामिल रहें है।

      ऐसे में लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब थानाध्यक्ष कमलजीत के साथ चौकीदार से लेकर कई लोग साथ थे तो सिर्फ कमलजीत पर ही गाज क्यों गिरी? उनके साथ देने वाले थानाकर्मी क्यों बचे रह गए? क्या उनकी संलिप्तता नहीं थी? यह भी एक जांच का बिषय है।

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