“आगे लिखा है कि इस घटना पता जब बिहार से सीएम नीतिश कुमार को लगा तो पुलिस बल को आदेश दिया गया कि 5 दिनों के भीतर उनके पंसदीदा गेस्ट हाउस के टीवी चोरों का पता लगाओ….”
राजगीर (नीरज)। जनमुक्ति आंदोलन राष्ट्रीय जनता दल-शोषित समाज दल की नालंदा ईकाई राजगीर में वनकर्मियों के साथ हुए घोर पुलिस अत्याचार के विरोध में जरा देवी मंदिर से अनुमंडल कार्यालय तक पदयात्रा करेगी।
समूचे नालंदा में जगह-जगह चिपाए पर्चा-पोस्टर में उल्लेख है कि यह न्याय व्यवस्था अंग्रेजो द्वारा किया गया था। अंग्रेज 1857 के युद्ध में जब हारा, तब 1860 में लंदन में भारत पर शासन करने के लिए इंडियन पुलिस एक्ट का निर्माण हुआ। यह पुलिस चौकी और पुलिस व्यवस्था भारत पर जुल्म ढाहने हेतु किया गया था। यही कारण है कि पूरा भारतीय को न्याय मिलना मुश्किल है।
पर्चा में आगे उल्लेख है कि विगत 2 नवबंर,18 को राजगीर वन विश्रामालय से कुछ चोरों का गिरोह एक टीवी चोरी कर भाग गया। वहां ड्यूटी पर तैनात वनकर्मी मिथिलेश ठाकुर चोरों के आक्रमण को देखते हुए किसी तरह भाग कर विभागीय अफसर को तुरंत सूचना दी। उसके बाद पुलिस बल जयप्रकाश उद्यान तक एकत्रित हुए, लेकिन वे चोरों से मुकाबला करने की हिम्मत नहीं जुटा सके। पुलिस बल 3 घंटा बाद घटनास्थल पर पहुंची।
इसके बाद पुलिस बल खुद बचने के लिए वन्यकर्मी जो सुरक्षा में तैनात था। रसोईया राकेश कुमार उर्फ सातो यादव, जो सीएम को खाना बनाकर खिलाता था। कामता राजवंशी, सत्येन्द्र यादव एवं वेनु वन में तैनात रात्रि प्रहरी राम उचित यादव को पुलिस पकड़ ली और पूछताछ के नाम पर थाना तथा जंगल में बड़ी बेरहमी से पिटाई की। इससे वे सभी काम लायक नहीं रह गए हैं। सबों का परिवार अनाथ हो गया है।