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    Monday, December 23, 2024
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      लालू यादव दोषी-गये होटरवार जेल, जगन्नाथ मिश्र रिहा, अगले साल होगी सजा का एलान

      रांची  (एक्पर्ट मीडिया न्यूज) । रांची सीबीआई की विशेष अदालत में चारा घोटाले के दो मामलों में लालू यादव को दोषी करार दिया गया है। वहीं जगन्नाथ मिश्रा को इस आरोप से मुक्त कर दिया गया है।

      लालू यादव पर 3 जनवरी को फैसला सुनाया जाएगा, वहीं लालू समर्थकों में इस फैसले से काफी मायूसी है। इससे पहले चारा घोटाले के मामलों में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, जगन्नाथ मिश्र सहित अन्य 22 लोग आरोपी थे।

      Lalu convicted by cbi court 1आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 409, 418, 420, 467, 468, 471, 477 ए, 201 और 511 के तहत दोषी करार दिया गया है। इसके अलावा प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 13 (1) और 13 (2) के तहत भी आरोप साबित हुए हैं।  

      इस मामले में रांची केस सीबीआई कोर्ट में सुनवाई पूरी की गई है और आज सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में फैसला सुनाया गया।

      अंतिम सुनवाई 13 दिसंबर को हुई थी, जिसके बाद फैसले के लिए 23 दिसंबर का दिन तय किया गया था।

      यह मामला देवघर कोषागार से 84.54 लाख रुपए की अवैध निकासी से संबंधित है। इसमें 1994-95 के बीच पशुओं के चारा व दवाओं के नाम पर ये फर्जीवाड़ा किया गया था। 

      घोटाले में कार्रवाई की कहानी चारा घोटाले मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 8 मई को स्पीडी ट्रायल शुरू करने और 9 महीने में मामले का निष्पादन करने का आदेश जारी किया था।

      Lalu convicted by cbi court 2सुप्रीम कोर्ट के आदेश मिलने के बाद सीबीआई की अदालत ने इस मामले में पहले आरोपी लालू प्रसाद, जगन्नाथ मिश्र सहित अन्य आरोपी को नोटिस भेजते हुए कोर्ट में हाजिर होने का आदेश जारी किया और मामले की सुनवाई में तेजी लाई।

      हर महीने में 12 से 15 दिन सुनवाई की गई, जिसमें सभी आरोपी निर्धारित तारीख पर कोर्ट में हाजिर हुए तो इस मामले में लालू प्रसाद यादव के तरफ से बचाव के लिए 15 गवाह पेश किए गए।

      वहीं पूरे मामले में 34 आरोपियों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई थी, जिसमें कई आरोपियों की ट्रायल के दौरान मृत्यु हो गई तो दो लोग सरकारी गवाह बन गए।

      वहीं पीके जायसवाल और सुशील झा निर्णय पूर्व दोष स्वीकार करते हुए जेल चले गए। अब आज 20 साल बाद इस मामले में फैसला सुनाया गया।

      फैसला आने के बाद लालू समर्थकों में मायूसी  के साथ आक्रोश भी देखा जा रहा है। 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी। 1994-95 के बीच पशुओं के चारा और दवाओं के नाम पर हुए अवैध निकासी को चारा घोटाले का नाम दिया गया।

      laluइस घोटाले में लालू प्रसाद पर कुल 6 केस चल रहे हैं। जिसमें से एकआरसी- 20 चाईबासा ट्रेजरी से 37.5 करोड़ की निकासी मामले में सीबीआई कोर्ट ने तीन अक्तूबर, 2013 को उन्हें पांच साल की सजा सुनाई थी और 25 लाख का जुर्माना लगाया था।

      उसी साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। उन्होंने इसके खिलाफ अपील की थी। जिस पर ये फैसला आया है।

      इस मामले में 6 राजनेता लालू प्रसाद, जगन्नाथ मिश्र, जगदीश शर्मा, विद्यासागर निषाद, ध्रुव भगत और आरके राणा और 10 अधिकारी फूलचंद सिंह, बेक जूलियस, महेश प्रसाद, एसी चौधरी, कृष्ण कुमार प्रसाद, सुबीर भट्टाचार्य के साथ-साथ 10 ट्रांसपोर्टर त्रिपुरारि मोहन, सुशील सिंह, सुनील सिंह, राजा राम जोशी, सरस्वती चंद्रा, साधना सिंह, गोपीनाथ दास, संजय अग्रवाल, ज्योति झा और सुनील गांधी नामजद थे।

      वहीं मामले में मोटे तौर पर जगन्नाथ मिश्रा बरी कर दिए गए तो लालू यादव को दोषी साबित किया गया है।

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