“वर्ष 1995 में महिलाओं के हुजूम ने मेनका सरदार को चुनावी मैदान में उतरने के लिए प्रोत्साहित किया। वह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरीं। भले ही चुनाव हार गईं, पर राष्ट्रीय पार्टियों की निगाह में आ गईं और भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा की अध्यक्षता में उन्होंने भाजपा का दामन थामा और 2000 में पोटका से बिहार विधानसभा का सदस्य बनीं….”
रांची (एक्सपर्ट मीडीया न्यूज)। पूर्वी सिंहभूम के पोटका विधानसभा क्षेत्र की भाजपा विधायक मेनका सरदार को 2018 के लिए बिरसा मुंडा स्मृति उत्कृष्ट विधायक सम्मान के लिए चुना गया। वह तीसरी बार पोटका से निर्वाचित हुई हैं। विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव की अध्यक्षता में गठित चयन समिति ने सोमवार को उनका चयन किया।
मेनका सरदार अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत वर्ष 1995 में की थी। उत्कृष्ट विधायक चुने जाने के बाद मेनका सरदार ने कहा कि उत्कृष्ट विधायक चुने जाने के बाद उनकी जिम्मेवारी बढ़ गई है। क्षेत्र की जनता के लिए जो भी संभव होगा, वह सब करूंगी। अन्य विधायकों को भी यही सलाह दूंगी कि हमेशा जनता के बीच रहें। उनके सुख-दुख में भागीदार बनें।
मेनका वर्ष 1995 एलबीएसएम कॉलेज से बीए ऑनर्स की पढ़ाई पूरी करने के बाद मेनका सरदार समाजसेवा में जुट गईं। अल्टरनेटिव फॉर इंडिया डेवलपमेंट स्वयंसेवी संगठन का नेतृत्व और महिला उत्थान के लिए संघर्ष करने लगीं।
इसके बाद महिला मुक्ति वाहिनी का भी गठन किया और कोल्हान में महिलाओं के विकास और उनकी समस्याओं के खिलाफ आंदोलन कर समाज में पहचान बनाने में कामयाब हो गईं।
मेनका सरदार के पहले हो चुके सम्मानितः
वर्ष 2001-विशेश्वर खान (सीपीआई) 2002 – हेमलाल मुर्मू, 2003- राजेंद्र प्रसाद सिंह, 2004- लोकनाथ महतो, 2005- अन्नपूर्णा देवी, 2006- राधाकृष्ण किशोर, 2007- पशुपतिनाथ सिंह, 2008- इंदर सिंह नामधारी, 2010- जनार्दन पासवान, 2011- माधव लाल सिंह, 2012- रघुवर दास, 2013- लोबिन हेंब्रम, 2015- प्रदीप यादव, 2016- स्टीफन मरांडी और 2017- विमला प्रधान।
सीएम रघुवर दास ने विधायक मेनका सरदार को इस वर्ष के लिए उत्कृष्ट विधायक चुने जाने पर हार्दिक बधाई दी है।
सीएम ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि मेनका सरदार का अपने विधानसभा क्षेत्र और राज्य के विकास में सक्रियता के साथ योगदान रहा है। वे जनहित से जुड़े मुद्दों को बेबाकी से रखती रही हैं।
Comments are closed.