“धान फसल की हालत खराब देख किसान अपने भाग्य को कोसते हुए कहते हैं कि अब भगवान ही सहारा है…..”
नालंदा जिले के इस्लामपुर प्रखंड के आत्मा गांव में किसानों की हालत वद से वदतर है। धान की फसल नुकसान होता देख किसानों के होश उड़ गए हैं।
किसान शंभु राम, देवनंदन यादव, मेवालाल, विगन सिंह, मानीकचंद विश्वकर्मा, सत्यनारायण साव, सुरेश राम आदि ने बताया कि दो मांह से वारिश नहीं होने के कारण खेतों में लगी धान की फसल नष्ट गए हैं। पानी के अभाव में खेतों में दरार पड गए हैं और धान फसल में एक दुका बाल ही आ पाए, झुलस कर खत्म हो गए।
उन्होंने बताया कि वैसी हालत में धान की फसल का मुंगार काटना शुरु कर दिया है। ताकि यह मवेशियो का चारा के काम आ सके। पानी का जल स्तर नीचे चले जाने से पानी की किल्लत हो गया। नदी नहर में पानी नही हैं। पटवन के लिए लगाये गये पंपसेट फेल कर गया। प्राकृतिक के सामने कोइ चारा नही है।
हालत यह है कि किसानों की उम्मीद पर पानी फिर गया है। कर्ज महाजन लडकी की शादी, बच्चों की पढाई के अलावे परिवारों का भरण पोषण करने की चिंता सताने लगी है।
किसान नागेशर प्रसाद ने बताया कि उनकी बिटिया मुन्नी की शादी तय किया था। लेकिन धान की फसल इस कदर नुकसान हो गया है कि बिटिया की शादी करने के लिए सोचना पड रहा है।
इधर आत्मा पंचायत समिति सदस्य सर्वेश प्रसाद और कृषि समन्वयक अमरेंद्र कुमार ने फसलों की जायजा लिया। इस दौरान उन्होने बताया कि खेतों में फसल उपजाने वाले किसानों की हालत खराब है। लगभग 80 प्रतिशत धान की फसल पानी के अभाव में खत्म हो गए हैं। किसानों द्वारा धान की फसल का मुंगार काटा जा रहा है।
उन्होने बताया कि किसानों को सुखाड और कृषि राहत के लिए फार्म भरकर जमा करने का निर्देश दिया गया है। ताकि सरकार से सहायता राशि मिल सके। इससे किसानों को राहत मिलेगी।