“इस आर्म्स एक्ट से जुड़े इस मामले में अनुसंधान के इतर होने का कोई चांस नहीं बनता। कारण कि गोलियों की बरामदगी सीबीआई की रेड में हुई है। थाने में प्राथमिकी भी सीबीआई के अधिकारी के द्वारा ही दर्ज कराई गई है….”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। महापाप के विवादों में बुरी तरह फंसे दिख रहे मंजू वर्मा के लिए मुसीबतें बढ़ती जा रही है। पहले पति चंद्रशेखर वर्मा संग महपाप के किंगपिन ब्रजेश ठाकुर के संग रिश्तों ने समाज कल्याण विभाग के मंत्री पद की कुर्सी छीनी और अब वे पति संग सीबीआई ने रडार पर है।
बहरहाल सीबीआई की छापामारी में बेगूसराय के ठिकाने से मिले अवैध जिंदा कारतूस ने मंजू वर्मा की फांस बन गई है।
बाते 25 अगस्त को बेगूसराय के जिला जज ने मंजू वर्मा और चंद्रशेखर वर्मा की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। आगे उनके लिये पटना हाई कोर्ट जाने का बचा है। लेकिन वहां से कोई राहत मिलेगी, जानकार इसकी संभावन कम बताते हैं।
क्योंकि सीबीआई छापेमारी के दौरान जिस तरह से भारी संख्या में जिंदा कारतूस मिले हैं, वे काफी खतरनाक किस्म के हैं और ऐसे कारतूस लाइसेंसी को भी बहुतायात नहीं मिलते।
पुलिस सूत्रों के अनुसार अब मंजू वर्मा और चंद्रशेखर वर्मा को बिहार पुलिस की मिली सुरक्षा कभी भी वापस ली जा सकती है। इस आशय के निर्देश पटना और बेगूसराय पुलिस को दिया जा रहा है। दोनों जिलों से सिक्योरिटी मिली हुई है।
बिहार पुलिस मान रही है कि मंजू वर्मा और चंद्रशेखर वर्मा को अब अरेस्टिंग देनी होगी। दोनों कहीं भी दिखते ही गिरफ्तार कर लिये जायेंगे। आर्म्स एक्ट से जुड़े इस मामले में अनुसंधान के इतर होने का कोई चांस नहीं बनता।
कारण कि गोलियों की बरामदगी सीबीआई की रेड में हुई है। थाने में प्राथमिकी भी सीबीआई के अधिकारी के द्वारा ही दर्ज कराई गई है।
हालांकि नजदीकी सूत्रों के अनुसार गिरफ्तारी से बचने को मंजू वर्मा जल्द ही पटना हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। वैसे मंजू वर्मा को केस की गंभीरता का अहसास है। वह गोलियों की जब्ती को लेकर अपने पति चंद्रशेखर वर्मा से भी खफा बताई जा रहीं हैं।
माना जा रहा है कि सीबीआई की रेड में जहां से गोलियां बरामद की गईं, उधर की कोई जानकारी मंजू वर्मा को नहीं रहती थी। पति ही सब कुछ जानते थे। महापाप की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के साथ ही रेड का अनुमान मंजू वर्मा को तो जरुर था, लेकिन पति चंद्रेशेखर वर्मा फिर से नहीं चेते।