“मलमास मेला शुरु होने के पहले साधु-संतो, समाजसेवियों से लेकर पुलिस-प्रशासन का सबसे बड़ा दावा था कि थियेटरों में अश्लीलता परोसने की छूट नहीं दी जायेगी, लेकिन फिलहाल सब दावे खोखले साबित है और सब अपनी-अपनी धुन में मग्न दिख रहे हैं “
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। कला-संस्कृति के नाम पर फुहड़ता और नाच-गाना के नाम पर अशलीलता फिलहाल राजगीर मलमास मेला की सबसे लोकप्रिय पहलु है। हिन्दी-भोजपूरी दुअर्थी गानों के बीच बार-बालाओं की अर्द्धनग्न हिलोरें के बल सिर्फ पैसा बटोरना ही यहां के थियेटरों की कुव्यवसाय रह गई है।
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज टीम के पास विभिन्न स्रोतों से राजगीर मलमास मेला के थियेटरों के कई वीडियो क्लिप प्राप्त हुये हैं। कुछ वीडियो ऐसे हैं, जिसमें थियेटरों की तथाकथित कलाकार लड़कियां (कॉल गर्ल) शरीर से पूरे कपड़े उतार देती है।
उसे देखने के लिये भीड़ उमड़ जाती है। इसके दर्शक लोग मेला के सब कुछ को छोड़ कर लगातार उसी माजरा को देखने में मशगुल हो जाता है। इस तरह के अर्द्धनग्न-नग्न शो देखने वाले अधिकतर टीन एजर होते हैं।
जाहिर है कि किसी धार्मिक, अध्यात्मिक आयोजन में इस तरह की कुसंस्कृति को बनाये रखाना समाज में आये दिन हो रहे यौन अपराधों को बढ़ावा देना है। जैसा कि समाज में शर्मासार कर देने वाली सामने दिखती रहती है।
कहने को तो राजगीर मलमास मेला में प्रतिबंधित शराब की बिक्री नहीं हो रही है, लेकिन विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि शराब का आलम यदि देखना हो तो मस्ती में झूमते युवाओं की हरकतों को देखकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस ओर कहीं कोई देखनहारा नहीं है।