“पटना विश्वविद्यालय का दरंभगा भवन अपने आप में एक पर्यटक स्थल से कम नहीं है। इस विश्वविद्यालय से न सिर्फ राजनीतिक निकले बल्कि ख्यातिलब्ध नौकरशाह, सामाजिक कार्यकर्ता भी निकले।”
पटना ( जयप्रकाश )। भारत का ऑक्सफोर्ड के नाम से प्रचलित बिहार का पटना विश्वविद्यालय ने अपने स्थापना के गौरवशाली सौ साल पूरा कर लिया है।
1 अक्टूबर 1917 को पटना विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी। भारतीय उपमहाद्वीप का सातवाँ सबसे पुराना स्वतंत्र विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित किया गया था । जे जी जेनिंग्स को अवैतनिक कुलपति के रूप में पूर्ण कालीन नियुक्ति की गई थी
1918 में पटना विश्वविद्यालय ने पहली परीक्षा मैट्रिक की आयोजित की थी। इस परीक्षा में लगभग 3679 छात्र शामिल हुए ।जब परीक्षा परिणाम घोषित की गई तो 1983 छात्र परीक्षा में फेल हो गए थे।
सितम्बर 1919 में यहां एमए की प्रथम परीक्षा का आयोजन किया गया । एमए की पहली परीक्षा में अंग्रेजी, इतिहास और अर्थशास्त्र विषय की परीक्षा ली गई । पटना विश्वविद्यालय का का कार्यालय 1922 तक पटना उच्च न्यायालय भवन के एक भाग में कार्य करता रहा ।
बाद में आज के मगध महिला काॅलेज है उसी काॅलेज के परिसर में अवस्थित जो इलाहाबाद बैंक है ,वहाँ कार्यालय काम करने लगा। पटना विश्वविद्यालय में 13 अंगीभूत काॅलेज शामिल है। जिनमें पटना का साइंस काॅलेज, पटना काॅलेज, पटना वुमेंन काॅलेज, मगध महिला काॅलेज, काॅमर्स काॅलेज, लाॅ काॅलेज, बीएन काॅलेज समेत कई अन्य काॅलेज शामिल है।
पटना विश्वविद्यालय के स्थापना के सौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में शनिवार 14 अक्टूबर को पीएम मोदी पटना विश्वविद्यालय आ रहे हैं । जहां वे समारोह को संबोधित भी करेंगे ।इसके लिए सारी तैयारियाँ पूरी की जा रही है। पटना विश्वविद्यालय को पूरी तरह प्रकाश सज्जा की गई है। विश्वविद्यालय परिसर को नई नवेली दुल्हन की तरह सजाया गया है।
पीएम के आगमन को लेकर पूरे पटना को चकाचक किया जा रहा है।सड़कों को साफ किया जा रहा है। डिवाइडरों की रंगाई पुताई चल रही है।
पीएम मोदी के पटना आगमन को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है।जगह-जगह जांच टीम लगाई गई है।सुरक्षा व्यवस्था में कोई कोताही न बरता जाए इसको लेकर पटना के वरीय पुलिस अधिकारी खुद मोर्चा संभाले हुए हैं ।
मोदी 14 अक्टूबर को ग्यारह बजे पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में शामिल होंगे ।उनके अभिभाषण को लेकर एक बड़ा पंडाल और मंच बनाया गया है। जहां प्रधानमंत्री के अलावा बिहार के राज्यपाल, शिक्षा मंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्री के प्रतिनिधि, केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान, रविशंकर प्रसाद समेत विश्वविद्यालय के कुलपति सहित अन्य लोग मंच साझा कर सकते हैं ।
पटना विश्वविद्यालय को इसकी शैक्षणिक पद्धति और गौरवशाली इतिहास के लिए जाना जाता है। इस विश्वविद्यालय के पूर्ववर्ती छात्रों में लालू प्रसाद यादव, रवि शंकर प्रसाद, सुशील कुमार मोदी, समेत सामाजिक कार्यकर्ता बिंदेश्वर पाठक और आधुनिक युग में योग के जनक माने जाने वाले तिरुमलाई कृष्णनामचार्य समेत कई अन्य विशिष्ट लोग शामिल रहे हैं ।
साथ ही सिने अभिनेता शत्रुहन सिन्हा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, स्व दिग्विजय सिंह, पूर्व राज्यपाल एस के सिन्हा, सीबीआई के पूर्व निदेशक अनिल सिन्हा, रंजीत सिन्हा, राजीव गौवा,अंजनी कुमार सिंह, अफजल अमानुल्लाह समेत सैकड़ों राजनीतिक तथा विभिन्न उच्च सरकारी पदों पर सुशोभित होने वाले लोग कभी पटना विश्वविद्यालय के होनहार छात्र के रूप में काॅलेज की शोभा बढ़ा चुके हैं ।