“इस मामले की जानकारी बिहार के पुलिस महानिदेशक पी. के. ठाकुर को भी है, लेकिन कहा जाता है कि सीएम नीतिश कुमार से नजदीकियां होने के कारण सुशासन और भ्रष्टाचार की उजली कमीज पर गुप्तेश्वर पाण्डेय के हर दाग अच्छे हैं। ”
पटना । कथित भ्रष्टाचार और सुशासन के ढिंढोरे पीटते हुये पिछले सप्ताह महागठबंधन छोड़ भाजपा संग सरकार बनाने वाले जदयू नेता नीतीश कुमार की सरकार द्वारा कल रात 28 आइ.ए.एस. और 44 आइ.पी.एस. अफसरों का तबादला कर दिया गया। कुछ को इधर से उधर किया गया तो कुछ को प्रोन्नति दिया गया।
लेकिन इस तबादला सूची में एक ऐसा आइ.पी.एस. भी शामिल हैं, जिन पर ‘मुन्ना भाई एम.बी.बी.एस.’ बनने के आरोप साबित है। ये चर्चित आइ.पी.एस. हैं- गुप्तेश्वर पाण्डेय।
वे एडीजी, वायरलेस के पद पर थे। उन्हें प्रोन्नति देते हुये डीजी, बिहार के आलावे पुलिस अकादमी बीएमपी के डीजी का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है।
भारतीय पुलिस सेवा बैच-1987 के इस अफसर ( आइ.पी.एस. न.-1971059, कैडर-बिहार बैच 1987) के संबंध हैरान करने वाली बात यह है कि आइ.पी.एस. सिविल लिस्ट- 2017 के अनुसार उनकी शैक्षणिक योग्यता एम.एस.सी एवं एम.फिल है।
जबकि उपलब्ध जानकारी के अनुसार श्री पाण्डेय ने पटना विश्वविद्यालय से संस्कृत विषय से स्नातक किया और वहीं पर एमए में नामांकण लिया। जाहिर कि संस्कृत सरीखे विषय से स्नातक करने वाला कोई एमएससी की डिग्री कैसे कर सकता है ?
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि आइपीएस गुप्तेश्वर पाण्डेय ने इसके पहले फर्जीबाड़ा करते हुये एलएलबी की डिग्री लेने की कोशिश की थी, जिसमें उन पर जांचोपरांत सत्यता आने के बावजूद बिहार सरकार ने अपनी कार्रवाई को लंबित रखा है।