एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। सरायकेला जिले के राजनगर थाना में कस्तूरबा आवासीय विद्यालय की एक नाबालिग छात्रा की जबरिया शादी मामला अब काफी तूल पकड़ता जा रहा है। पुलिस के साथ कुछ मीडियाकर्मियों की भी उसमें संदिग्ध भूमिका सामने आई है।
राजनगर थाना के बड़ा कादल गांव निवासी माधव महतो के पुत्र गोवर्धन महतो ने कोल्हान (चाईबासा) के डीआईजी कुलदीप द्वेदी के नाम “दैनिक जागरण, प्रभात खबर, इस्पात मेल और न्यूज 11 के रिपोर्टर द्वारा झूठी और सत्य से परे ख़बर प्रकाशित करने और गंभीर मामले की जांच प्रभावित करने के संदर्भ में” विषयगत लिखित आवेदन सौंपा है।
इस आवेदन की प्रति राज्य पुलिस महानिरीक्षक (रांची), राज्य बाल संरक्षण आयोग के आलावे मुख्यमंत्री सचिवालय को भी प्रेषित की गई है।
अपने शिकायत आवेदन में गोवर्धन महतो ने दोषी अधिकारियों और पत्रकारों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग करते हुए लिखा है कि दिनांक 9 और 10 नवम्बर के घटनाक्रम के तहत मेरे पुत्र के साथ जो अमानवीय बर्ताव राजनगर थाना परिसर में हुई थी, उससे वह एवं उसका पूरा परिवार सदमे में है।
बकौल गोवर्धन महतो, उसके बेटे राजीव महतो पर कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की कक्षा 9 की छात्रा गंगा महतो के साथ छेड़खानी का आरोप उसके परिजनों द्वारा लगाया गया था। जिसके बाद थाना द्वारा मुझे अपने बेटे को छुड़ाने के एवज में 25,000 रुपए की मांग की गई थी।
उसके बाद किसी तरह से उसने 15,000 रुपए का जुगाड़ कर अपने बेटे को बचाने के लिए एएसआई अनिल ओझा को दिया था। उसके बाद मामला रफा-दफा होता देख छात्रा के चाचा नरेराम महतो ने थाना पर छात्रा का करियर तबाह होने का हवाला देते हुए थाने में ही दोनों की शादी करा दी थी।
उसके बाद थाना प्रभारी ने आपसी सुलह कर इसे सामाजिक रीति से संपन्न कराने की बात कही। जबकि उसका पूरा परिवार नहीं जानता था कि लड़की नाबालिग है, लेकिन छात्रा जब थाना पहुंची थी उस वक्त उसके हाथ में उसका आधार कार्ड था, जिसे राजनगर थानाध्यक्ष ने दरकिनार करते हुए दोनों की शादी कराने का फरमान सुना दिया।
इतना कुछ होने के बाद भी कुछ पत्रकार जिसमें राजनगर के दैनिक जागरण, प्रभात खबर, इस्पात मेल और एक टीवी रिपोर्टर विनोद केशरी द्वारा साजिश के तहत पूरे प्रकरण को झूठा और तथ्यविहीन बताते हुए बगैर मेरा या मेरे परिवार के किसी भी सदस्य का पक्ष जाने बिल्कुल झूठी खबरें प्रकाशित करने का काम कर रहे हैं।
आज के दैनिक जागरण अखबार में जो रिपोर्ट प्रकाशित की गई है, उसमें मेरा पक्ष बगैर मुझसे बात किए छाप दिया गया है। मैं किसी वीरेंद्र मंडल को नहीं जानता और न ही उसके दबाव में कोई बयान दिया है। फिर किस आधार पर यह ख़बर प्रकाशित की गई है, और क्यों पूरे मामले को उलझाया जा रहा है?
गोवर्धन महतो लिखते हैं कि मैं लिखित रूप से आपको ये आवेदन दे रहा हूं और प्रमाणित भी कर रहा हूं कि मुझे भयभीत कर राज नगर थाना परिसर में छात्रा गंगा महतो के चाचा ने राम महतो और थाना प्रभारी की मौजूदगी में यह शादी कराई गई थी। इसके लिए मैं किसी भी जांच से गुजरने को तैयार हूं।
जबकि, मेरी नाबालिग पुत्रवधू गंगा महतो द्वारा हर बार मीडिया एवं जांच टीम के समक्ष इस बात को स्वीकारी गई है कि दोनों की जबरन शादी राजनगर थाना परिसर में हुई है। बावजूद इसके कुछ रिपोर्टर थाना प्रभारी ASI और छात्रा के चाचा को निर्दोष साबित करने में लगे हुए हैं। और खुद जांच एजेंसी का काम कर रहे हैं। आखिर ऐसा क्यों ? पूरे मामले का निष्पक्ष जांच कराते हुए दोषियों को दंडित करने की कृपा करें।
गोवर्धन महतो के अनुसार जिला पुलिस अधीक्षक की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। उन्होंने आखिर क्यों ASI अनिल ओझा को निलंबित किया। क्यों केवल थाना प्रभारी को लाईन क्लोज किया। क्यों उन्हें निलंबित नहीं किया। इस बिंदु पर भी जांच जरूरी है।
नरेराम महतो को किस आधार पर क्लीन चिट दिया गया। यह भी जांच का विषय है। इस पूरे मामले में स्थानीय पत्रकारों और थाना की भूमिका की निष्पक्ष जांच कराने की आवश्यकता है।
गोवर्धन महतो के अनुसार राजनगर थाना की कार्यशैली विगत कुछ दिनों से लगातार संदेह के घेरे में रही है फिर भी जिले के पुलिस अधीक्षक द्वारा यहां के अधिकारियों के खिलाफ क्यों कभी किसी प्रकार की कार्रवाई की गई इसकी भी जांच कराई जाए। गोवर्धन महतो के आलावे पीड़िता नाबालिग छात्रा ने भी लिखित शिकायत की है।