Home देश पर्यटन नगरी राजगीर में पॉलिथीन प्रतिबंध को लेकर लापरवाह है प्रशासन

पर्यटन नगरी राजगीर में पॉलिथीन प्रतिबंध को लेकर लापरवाह है प्रशासन

भारत सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाये जाने की घोषणा के समय दुकानदारों आदि में थोड़ा उत्साह देखा गया था। ग्राहकों द्वारा पॉलिथीन के थैले में सामान मांगने पर दुकानदार मुकर जाते थे और कहते थे कि पॉलिथीन का थैला पर प्रतिबंध लग गया है। लेकिन प्रशासनिक लापरवाही ने सब कुछ गुड़-गोबर कर रखा है “

बिहारशरीफ (राजीव रंजन)। नालंदा जिले के पर्यटन नगरी राजगीर में नोटबंदी की तरह सख्ती से पॉलीथिन प्रतिबंध को लागु किया गया था। लेकिन अफसोस कि यहां के अनुमंडल स्तर के पदाधिकारी और राजगीर नगर पंचायत के अधिकारी डीएम के आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं। यहां पॉलीथिन पर प्रतिबंध के बावजूद उसका उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है।

pollythin 1बता दें कि पर्यावरण को संरक्षित रखने के उद्देश्य से सरकार द्वारा सामान्य तौर पर पॉलीथिन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। लेकिन इस प्रतिबंध का कोई असर कहीं भी दिखाई नहीं पड़ता है।

आज तक प्रशासनिक स्तर पर वैसी कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे पॉलीथिन के उपयोग पर अंकुश लग सके।

प्रायः सभी बाजारों चौक चौराहों में जमा कचड़ा के ढेर में 70-80 प्रतिशत कोई चीज है तो वह पॉलिथीन ही है।

जिले के बाजारों इस्लामपुर, परवलपुर, चंडी ,नगरनौसा, अस्थाबाँ ,बिहार शारिफ  बाजार का साग सब्जी बेचने वाला हो या कंदमूल फल किराना दुकान सबके पास पॉलिथीन का ही थैला रहता है। जिसमें वह अपने ग्राहकों को सामान माप तौल कर देते हैं।

नालंदा जिले में सबसे पहले पर्यावरण सुरक्षा के लिए जिलाधिकारी डॉक्टर त्यागराजन एसएम के पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगाया गया था लेकिन, उसका किसी तरह का असर नहीं रहा।

भारत सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाये जाने की घोषणा के समय दुकानदारों आदि में थोड़ा उत्साह देखा गया था। ग्राहकों द्वारा पॉलिथीन के थैले में सामान मांगने पर दुकानदार मुकर जाते थे और कहते थे कि पॉलिथीन का थैला पर प्रतिबंध लग गया है। जुर्माना लग जाएगा।

परंतु दुकानदारों ने देखा कि प्रशासनिक स्तर पर इसको कायम रखने के लिए किसी प्रकार की सख्ती नहीं की जा रही है तो फिर दुकानदारों ने पुराने ढर्रे पर पॉलिथीन थैला का प्रयोग धड़ल्ले से करना आरंभ कर दिया।

error: Content is protected !!
Exit mobile version