” बिहार की वर्तमान कैबिनेट में जिन 22 मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं उनमें से 9 के खिलाफ गंभीर मामले हैं। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ 302 के तहत हत्या का मामला चल रहा है।”
नई दिल्ली। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव का साथ इसलिए छोड़ दिया, क्योंकि डिप्टी सीएम और लालू के बेटे तेजस्वी यादव के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप थे। उसी मामले को मुद्दा बना कर सीएम नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और चंद घंटे बाद ही पिछले चुनाव में चिर विरोधी रहे बीजेपी के साथ मिलकर एक बार फिर अपनी सरकार बनाई।
नीतीश सरकार में सीएम को मिलाकर 29 मंत्रियों ने शपथ ली। नीतीश स्वच्छ राजनीति की बात तो करते हैं, लेकिन उनके मंत्रिमंडल में अधिकाधिक मंत्री पर कोई न कोई मुकदमा चल रहा है।
एसोसिएशन फोर डेमोक्रिटक रिफॉर्म यानि एडीआर की ताजा रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि चुने गए 29 मंत्रियों में से 22 के खिलाफ क्रिमिनल केस चल रहे हैं।
सबसे चौंकाने वाली बात है यह है कि बिहार की पिछली कैबिनेट में 28 में से 19 के खिलाफ आपराधिक मुकदमे थे। यानि कैबिनेट में पहले 68 प्रतिशत दागी मंत्री थे तो अब ये आंकड़ा बढ़कर 76 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
बिहार की वर्तमान कैबिनेट में जिन 22 मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं उनमें से 9 के खिलाफ गंभीर मामले हैं। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ 302 के तहत हत्या का मामला चल रहा है।
29 में से 21 मंत्री करोड़पति
नीतीश सरकार के 29 में 21 मंत्री करोड़पति हैं। यानि 72 फीसदी मंत्रियों के पास 1 करोड़ या उससे ज्यादा की संपत्ति है। वहीं पिछली नीतीश सरकार में 28 में से 22 मंत्री (79 %) करोड़पति थे।
फिलहाल 29 मंत्रियों के पास औसतन 2.46 करोड़ की संपत्ति है। लखीसराय के विधायक विजय कुमार सबसे ज्यादा अमीर मंत्री हैं। उनके पास 15.64 करोड़ की संपत्ति है।
मंत्रियों की पढ़ाई-लिखाई
29 में से 9 मिनिस्टर्स की एजुकेशन 8वीं से 12वीं के बीच है। यानि 31% मंत्री 8वीं से लेकर 12वीं पास हैं। वहीं 18 मंत्री (62%) ग्रेजुएट हैं या उच्च शिक्षा पा चुके हैं।
मंत्रिमंडल में सिर्फ 1 महिला
नीतीश सरकार में सिर्फ एक महिला मंत्री है। लालू और कांग्रेस के साथ उनकी पिछली सरकार में 2 महिला मंत्री थीं।