एक्सपर्ट मीडिया न्यूज । निर्मल नालंदा अभियान के तहत बनने वाले शौचालय का सही-सही सर्वे जल्दी पूरा कर लें । लाभुकों से प्राप्त आवेदनों के इंट्री करवाने पर भी विशेष ध्यान दें।
जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एस एम ने हरदेव भवन में सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को उक्त निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि जियो टैगिंग का कार्य भी और तेज करने की जरूरत है। सभी बीडिओ से कहा गया कि उनके प्रखण्ड लिए जो लक्ष्य निर्धारित है उस पर फोकस करें एवं समय सीमा के अंदर उसे पूरा करें।
प्रखंड विकास पदाधिकारियों से कहा गया कि वह अपने प्रखंड के अंतर्गत पंचायतों में ओडीएफ कार्यक्रम की कार्य योजना बना ले। लाभुकों से उनका आवेदन प्राप्त कर उसे जल्दी प्रोसेसिंग करवा दें क्योंकि पंचायत लॉक हो जाने के बाद भुगतान कठिन हो जाएगा।
प्रोग्राम ऑफिसर मनरेगा एवं पंचायत रोजगार सेवक को भी निर्देश दिया गया कि वह खुले में शौच मुक्त अभियान में सक्रिय सहभागिता निभाएं। निदेशक डीआरडीए से कहा गया कि जो भी पंचायत रोजगार सेवक ठीक से काम नहीं करते हैं उनका अनुबंध रद्द करने की कार्रवाई करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि आवेदन पत्रों की एंट्री के साथ-साथ शौचालय पूर्ण कराने के अभियान पर भी ध्यान दें। लोग अपना शौचालय खुद बनवा लें इस पर विशेष रूप से फोकस करने की जरूरत है । प्रखंड स्तर पर क्रियान्वित किसी भी योजना में किसी प्रकार के बिचौलिए के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। जिन लोगों ने अपना शौचालय बना लिया है उनके भुगतान में भी कोई विलंब ना हो इसे सुनिश्चित करने की जिम्मेवारी सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को दिया गया।
सात निश्चय के अंतर्गत हर घर नल का जल एवं पक्की नाली गली से संबंधित योजनाओं की समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी ने प्रखंड अंतर्गत क्रियान्वित इन योजनाओं के अभिलेखों के संधारण पर विशेष ध्यान देने को कहा। कैशबुक एवम पासबुक हमेशा अपडेट रहे एवं दोनों में कोई अंतर नहीं रहना चाहिए। योजना शुरू करते वक्त ही उसकी प्रशासनिक एवं तकनीकी स्वीकृति अवश्य हो जाए इसे सुनिश्चित करने की जिम्मेवारी सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को दिया गया।
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के द्वारा जिला के 100 पंचायत के लिए पेयजल संबंधी जो स्कीम आई है उसे भी सही तरीके से शीघ्र क्रियान्वित कराने को कहा गया। ओडीएफ घोषित पंचायतों में विशेष तौर पर नली गली एवं हर घर नल का जल से संबंधित प्राप्त अतिरिक्त राशि से आधारभूत संरचनाओं का निर्माण कार्य को जल्दी शुरू कराने को भी कहा गया। सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों से कहा गया कि वह अपने-अपने प्रखंड अंतर्गत कार्यरत योजनाओं की रिपोर्टिंग जिला पंचायत शाखा को उचित तरीके से करेन। सभी रिपोर्ट पूर्ण एवं संतुलित होने चाहिए आधे आधे अधूरे रिपोर्ट भेजने वालों पर कार्रवाई होगी।
खुले में शौच मुक्त अभियान में जीविका को सक्रिय भूमिका निभाने को कहा गया। जीविका के प्रखंड समन्वयक से कहा गया कि वह शौचालय निर्माण के लिए अधिक से अधिक लोगों को लोन दें एवं उन्हें शौचालय निर्माण तथा उसके उपयोग के लिए प्रेरित करे।
प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा में पाया गया कि प्रखंडों में लाभुकों के आवश्यक सत्यापन हो जाने एवं फंड ट्रांसफर आर्डर निकल जाने के बाद भी लाभुकों के खाते में आवास योजना के प्रथम एवं द्वितीय किस्त की राशि नहीं भेजी जा रही है। जिलाधिकारी ने इसे गंभीरता से लेते हुए प्रखंडों के वरीय प्रभारी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे प्रखंडों में जाकर इस मामले मामले की विशेष रूप से जांच करें। प्रखंड विकास पदाधिकारियों से कहा गया कि 3 दिन के अंदर वैसे लाभुकों के खाते में राशि भेज दें जिन्हें इसकी स्वीकृति हो गई है एवं जिनका एफ़टीओ जनरेट हो चुका है । उन्होंने कहा है कि सैंक्शन हो जाने के बाद प्रखंड स्तर पर राशि का रोकना बहुत ही गलत है ।
प्रधानमंत्री आवास योजना में अगर किसी लाभूक को किसी तरह की परेशानी होती है अथवा उन से किसी नाजायज राशि की मांग की जाती है तो वह जिला स्तरीय वरीय पदाधिकारी को सीधे इसकी सूचना दे सकते हैं । जो भी दोषी होंगे उन पर कड़ी कार्रवाई होगी ।
बैठक में निदेशक डीआरडीए संतोष श्रीवास्तव, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, शैलेंद्र नाथ अनुमंडल पदाधिकारी जनार्दन अग्रवाल, जीविका के उमाशंकर भगत, आईटी मैनेजर आशीष कुमार सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी जीविका बी पी एम एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी व कर्मी उपस्थित थे।