एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा के पर्यटन नगरी राजगीर निवासी प्रसिद्ध आरटीआई एक्टीविस्ट व समाजसेवी पुरुषोतम प्रसाद ने पटना निगरानी विभाग द्वारा हिलसा सीओ सुबोध कुमार की रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचे जाने के बाद सीओ-बीडीओ के सामूहिक अवकाश और उनके मातहत कर्मियों द्वारा धरना-प्रदर्शन व हो-हंगामा की मंशा पर कड़ी टिप्पणी की है।
श्री प्रसाद ने कहा कि सुशासन बाबू यानि बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले में सरकार और प्रशासन दोनों बौना नजर आ रहा है। मामला पूरी तरह से पटना निगरानी विभाग बनाम हिलसा अनुमंडल क्षेत्र प्रखंड-अंचल स्तरीय सीओ बीडीओ समेत समस्त भ्रष्ट कर्मचारी दिख रहा है।
उन्होंने कहा कि पीड़िता रिंकू देवी की प्राथमिक शिकायत पर निगरानी विभाग ने स्थल और व्यक्ति की पहचान की। उसके बाद एक उच्चस्तरीय कमिटी का गठन किया और कमेटी के सदस्यों के साथ संबंधित पदाधिकारी के निर्देशन में अंचल कार्यालय हिलसा से सीओ सुबोध कुमार को रंगे हाथों ₹20000 की रिश्वत लेते दबोचा।
उन्होंने सबालिया लहजे में कहा कि निगरानी विभाग के एक सीओ के खिलाफ की गई कार्रवाई से बौखला कर सारे भ्रष्ट अधिकारी एवं कर्मी अपनी चट्टानी एकता का परिचय देते हुए सरकारी काम में बाधा डालने अपने कार्यालय से बिना सूचना के अनुपस्थित होकर जिला मुख्यालय बिहारशरीफ डीएम कार्यालय में आम नागरिक की तरह पहुंच गये।
इसके पूर्व हिलसा अनुमंडल पदाधिकारी सृष्टि राज के कार्यालय में सरकारी व्यवधान उत्पन्न करने व गिरफ्तारी का विरोध का पत्र देने का दुस्साहस करने और उल्टे आंदोलन करने की धमकी देने पहुंच गये।
उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि इस तरह की घटना से पटना निगरानी विभाग भविष्य में नालंदा जिला में कोई कार्रवाई करने का साहस नहीं करेगा या भय के साए में सहमे हुये कार्रवाई करेगा।
श्री प्रसाद ने मांग करते हुये कहा कि इस संबंध में सरकार और प्रशासन को कड़ी कार्रवाई तुरंत करनी चाहिए। अन्यथा भ्रष्टाचारियों का मनोबल इस जिला में इस कदर बढ़ जायेगा कि कोई आवेदन शिकायत करने वाला भी यहां नहीं मिलेगा। स्थिति अराजक हो जाएगी। विधि व्यवस्था भंग हो जाएगी। मार-काट शुरु हो जाएगा और सरकार व प्रशासन पर से आम जनता का विश्वास उठ जाएगा।