एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। ई नालंदा है भाई। सीएम नीतिश कुमार उर्फ सुशासन बाबू का नालंदा। यहां सब कुछ संभव है। बड़बड़ भी, हड़बड़ भी, गड़बड़ भी। … और गड़बड़ ऐसा कि आप दांतो तले उंगली काट खायेगें।
अब देखिये न। सिलाव अंचल के रामनगर उतरी भाग टोला अवस्थित उस जमीन की खरीद-बिक्री और दाखिल खारिज हो गई, जिसे भारत का राजपत्र द्वारा गया -हिसुआ – राजगीर – बिहारशरीफ सड़क को फोरलेन करने के लिये अधिग्रहित की गई थी।
यह भूमि सिलाव अंचल के थाना नंबर-420, खाता नंबर-322, खसरा नंबर- 804, अराजी-6.20 डिसमिल मौजा रामनगर में पड़ता है और उसे श्री विरेन्द्र प्रसाद और श्री बोधनारायण प्रसाद वल्द स्व. लक्षमण यादव उर्फ लक्षमण प्रसाद सकिन रामनगर निवासी ने बेची है।
मिनीस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे के लिए अधिग्रहित भूमि के खरीदार श्री अंगजाइ मोग भी काफी दिलचस्प दिखते हैं।
रजिस्ट्री डीड और म्युटेशन में उनका पता पिता छैइलफ्रू मोग साकिन महल्ले सुकनाचारी अता रोयाजा परा सीलचारी साउथ त्रिपुरा राज्य एवं हालमोकाम चैनिश टेम्पल नालंदा दर्शाया गया है।
यह खरीद-बिक्री का खेल राजगीर अवर निबंधन कार्यालय में 20 फरवरी, 2017 को खेला गया है और सिलाव अंचलाधिकारी द्वारा अवैध भूमि की जमाबंदी-दाखिल खारिज 15 मार्च, 2017 को स्वीकृत कर ली गई है।
जबकि इस भूमि को भारत सरकार का गजट के भाग-2, खंड-3, उपखंड-3 के जरिये 13 मई, 2016 को ही प्रकाशित कर अधिग्रहित कर ली गई थी।
आईये आप भी एक नजर डालें नीचे डाले गये दस्तावेज, जो कि हमारी साइट के पास उपलब्ध हैं, उसके कुछ पन्नों को और स्वंय आंकलन करें कि नालंदा की सिस्टम में भ्रष्टाचार का आलम क्या है ?……….