“एसपी ने पन्नालाल की गिरफ्तारी की पुष्टि तो की, लेकिन इससे ज्यादा कुछ भी बताने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस अभी उससे पूछताछ कर रही है…”
खूंटी (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। झारखंड के कुख्यात मानव तस्कर पन्नालाल महतो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पन्नालाल को खूंटी पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया। उधर, सूत्रों ने बताया कि उसकी फॉर्च्यूनर कार पुलिस ने जब्त की है। पन्नालाल पर मानव तस्करी और अवैध रूप से लड़कियों को देश के बाहर भेजने के आरोप हैं।
वर्ष 2014 में भी पन्ना लाल महतो को गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पन्ना और उसकी पत्नी सुनीता को दिल्ली के शकूरपुर इलाके से गिरफ्तार किया था। खूंटी की अदालत से गैरजनामती वारंट जारी होने के बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने यह कार्रवाई की थी।
पन्नालाल का पूरा परिवार ही एक तरह से मानव तस्करी में लिप्त है। उसकी पत्नी सुनीता दिल्ली में प्लेसमेंट एजेंसी की आड़ में मानव तस्करी करती थी। उसकी भाभी गायत्री को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। गायत्री को ही इंटरनेशनल ह्यूमन ट्रैफिकिंग नेटवर्क का सरगना माना जाता है। लड़कियों की खरीद-फरोख्त में भी उसकी संलिप्तता सामने आयी थी।
पन्ना लाल ने गिरफ्तारी के बाद माना था कि वह झारखंड आता-जाता रहता है। प्रदेश के कई बड़े नेताओं से उसके संपर्क हैं और वह दिल्ली में उनके घूमने-फिरने के इंतजाम करता है। उन्हें गाड़ियां मुहैया कराता है। इसके पहले पुलिस के हत्थे चढ़े एक मानव तस्कर बामदेव ने तो यहां तक कहा था कि वह नेताओं को लड़कियां सप्लाई करता है।
जिस वक्त बामदेव की गिरफ्तारी हुई, उसके पास से एक बंधक बनी लड़की भी मिली थी। यह वही लड़की थी, जिसने दिल्ली में बामदेव पर यौन शोषण की प्राथमिकी दर्ज करायी थी। लड़की कोर्ट में अपना बयान दर्ज न करवा पाये, इसलिए उसे बंधक बनाकर रखा गया था।
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि वर्ष 2018 में कहा गया था कि 5000 लड़कियों का सौदा करने वाले कुख्यात मानव तस्कर पन्नालाल महतो और प्रभामुनि मिंज की संपत्ति की जांच प्रवर्तन निदेशालय (इडी) को सौंपने की बात कही गयी थी।
लड़कियों की तस्करी करने वालों को राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त है। बताया जाता है कि लड़कियों की तस्करी कर 80 करोड़ का मालिक बनने वाले पन्नालाल महतो को भी राजनेताओं का संरक्षण प्राप्त है।
दिल्ली में शकूरपुर के जेजे कॉलोनी स्थित पन्नालाल के आवास से ही चार अक्टूबर, 2014 को दिल्ली क्राइम ब्रांच और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम ने झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को गिरफ्तार किया था। योगेंद्र साव पर झारखंड टाइगर फोर्स नामक नक्सली संगठन चलाने का आरोप है।