“रामजनम और रणविजय ने ही बरसायीं थीं वृजनाथी सिंह पर गोलियां, 5 फरवरी 2016 को हुई थी लोजपा नेता की हत्या, वृजनाथी के हत्या के पहले मात्र एक बार हुआ था गिरफ्तार“
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज (पटना/बख्तियारपुर/बाढ़)। पटना के दीदारगंज के पास 5 फरवरी 2016 को हुए लोजपा नेता वृजनाथी सिंह की हत्या में रविवार को मारे गए अपराधी रामजनम यादव की अहम भूमिका थी।
रामजनम यादव और रण्विजय सिंह ने ही लोजपा नेता की स्कार्पियो पर एके-47 रायफल से अंधाधून फायरिंग कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया था। जबकि इस गाडी पर सवार उनके परिवार की एक महिला सदस्य बूरी तरह घायल हो गई थीं।
वर्ष 16 में ही वृजनाथी सिंह की हत्या में शामिल रणविजय सिंह को उसके एक सहयोगी विश्वविजय सिंह के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। रामजनम का आपराधिक इतिहास काफी पुराना और खौफनाक है।
रामजनम अब तक मात्र एक बार 2014 में गिरफ्तार किया गया था। तब भी पटना के एसएसपी मनु महाराज ही थे। उसकी गिरफ्तारी एक विशेष टीम द्वारा की गई थी।
जिसमें पंडारक थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष सुजीत कुमार, रंगदारी सेल में पदस्थापित चर्चित कांस्टेबल सुनील सिंह राणा सहित कई जांबाज पुलिसकर्मी शामिल थे। 2015 में जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद रामजनम कभी भी पुलिस के हत्थे नहीं चढा।
सुत्रों के अनुसार रामजनम ने सर्वप्रथम इस इलाके के अपराधी गोरेलाल यादव, उदय यादव, श्यामसुंदर यादव व मनोहर यादव के साथ मिलकर एक नया गिरोह तैयार किया।
बाद में हथियार और रंगदारी की रकम और कुछ अन्य मामले को लेकर इस गिरोह में फूट पड गई। इसी फूट के कारण मनोहर यादव की कालांतर में हत्या कर दी गई। जबकि उदय यादव व श्यामसुंदर यादव ने अलग अलग गिरोह बना लिया। शातिर अपराधी श्यामसुंदर यादव को भी एसएसपी मनु महराज की टीम ने पिछले माह गिरफ्तार कर लिया।
बताया जाता है कि रामजनम यादव को पंडारक का कुख्यात भोला सिंह मेकरा का मीठू सिंह का संरक्षण प्राप्त था। इन दोनों ने ही रामजनम को विधायक अनंत सिंह और लल्लू मुखिया की हत्या के लिए एके-47 रायफल मुहैया करा रखी थी। इसके अलावा उसे सुबोध राय और सुनील राय जैसे अपराधियों का भी संरक्षण प्राप्त था।
अंदरुनी सुत्र बताते हैं कि रामजनम के पास मोकामा के नाजरथ से लूटी गई पुलिस रायफलों में से पांच रायफले भी थी जिसमें से एक रायफल पुलिस ने एक दूसरे गिरफ्तार अपराधी के पास से बरामद किया था।
हालांकि रविवार को पाटलिपुत्र एक्सपे्रस में सवार रामजनम की हत्या किसने की अबतक यह स्पष्ट नहीं हो सका है पर इतना तो निश्चित है कि रामजनम की हत्या में एक नहीं दो या तीन अपराधी शामिल रहे होंगे।
रामजनम हमेशा हर हथियारों से लैस रहा करता था जिस बात को उसकी हत्या करने वाले भी जानते होंगे। संभव है रामजनम की हत्या के बाद अपराधी उसकी कमर में खोंसे हथियार भी अपने साथ ले गए हों।
कहीं ऐसा तो नहीं कि रामजनम को जानने वाले उसके किसी विश्वस्त ने ही तो लाइनर की भूमिका निभा धोखा देकर उसकी हत्या तो नहीं करा दी।
सूत्र बताते हैं कि रामजनम रविवार को फतुहा अपने नानी के घर आया था और उसने फतुहा से ही लेमुआबाद हॉल्ट उतरने के लिए पटना-हटिया पाटलिपुत्र एकक्सप्रेस ट्रेन पकडी थी, जिसका ठहराव लेमुआबाद में भी है। (स्रोतः खबर मंथन)