नालंदा पुलिस कप्तान कुमार आशीष ने एक अच्छी पहल करते हुए पिछले एक सप्ताह के दौरान सभी थाने में थानेदारो के द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा की है।
इस समीक्षा में सुशासन बाबू के गृह थाना हरनौत तथा कल्याण विगहा थाना फिसड्डी साबित हुआ।एसपी ने इन थाने के थानेदार के द्वारा बेहतर कार्य का प्रदर्शन नही करने पर ग्रेड “डी” से नवाजा है।
नालंदा पुलिस कप्तान ने पिछले एक सप्ताह के दौरान किए गए कार्यों के आधार पर थानों की ग्रेडिग करने का एक सराहनीय पहल की है। जिसके आधार पर जिले के थाने को ग्रेड ए,बी ,सी और डी श्रेणी में रखा है। इन थानों की ग्रेडिग की समीक्षा पटना के आईजी करेंगे। बेहतर प्रदर्शन नही करने वाले थानेदारो पर कार्रवाई भी की जाएगी ।
नालंदा पुलिस कप्तान के द्वारा थानों की जो ग्रेडिंग दी गई है, उनमें ग्रेड ए में दीपनगर, इस्लामपुर तथा सरमेरा को रखा गया है ।जबकि ग्रेड बी में बिहार, सोहसराय, लहेरी, नूरसराय, हिलसा, राजगीर तथा चंडी को रखा गया है।
ग्रेड सी में एकंगरसराय, बिंद तथा पावापुरी ,खुदागंज तथा वही ग्रेड डी में हरनौत ,गिरीयक, कतरीसराय, थरथरी, नगरनौसा, सिलाव, सारे, अस्थावां, रहूई, कल्याण विगहा, सहित अन्य सभी शेष थाने और ओपी शामिल है।
इस ग्रेड में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जिला मुख्यालय बिहारशरीफ के एक भी थाने ग्रेड ए में स्थान हासिल नही कर सका ।जबकि जिला मुख्यालय के थानों में इंस्पेक्टर रैंक के थानेदार की पदस्थापना की जाती है।
नालंदा के सबसे बड़े थाने की स्थिति को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि नालंदा के थाने में पदस्थापित थानाध्यक्ष की कार्यशैली की वजह से ही शायद अपराध पर लगाम नही लग पा रहा है ।
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