बालू माफियाओं के खुला खेल में क्या मानपुर थाना पुलिस भी संलिप्त है ? अगर नहीं तो फिर क्या वजह है कि वह तिउरी गांव के चिन्हित 6 बालू माफियाओं में अब तक एक को भी क्यों नहीं दबोच पाई है। जबकि 10.77 एकड़ सरकारी भूमि पर अवैध खनन के सारे आरोपियों के खुल्लेआम घुमने और पूर्वतः काले कारोबार में शामिल होने की सूचना है।
बिहारशरीफ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। सप्ताह भर पहले नालंदा पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार पोरीका के निर्देश पर खनन विभाग के द्वारा जिले के मानपुर थाना में 6 चिन्हित खनन माफियाओं के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराया गया और सख्त निर्देश दिया गया कि थाना क्षेत्र में अवैध खनन जल्द बंद किया जाए एवं इस में संलिप्त चिन्हित माफियाओं को जल्द से जल्द दबोचा जाए।
लेकिन आदेश-निर्देश का मानपुर थानेदार पर कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है। अब तक एक भी चिन्हित खनन माफिया को नहीं पकड़ा जा सका है। वे खुल्लेआम घूम ही नहीं रहे, बल्कि अवैध खनन करोबार में भी बेखौफ संलिप्त हैं।
इस संबंध में सहायक पुलिस अधीक्षक सत्यप्रकाश मिश्रा ने एक्सपर्ट मीडिया को बताया कि एसपी के निर्देश पर कुल 14 लोगों के खिलाफ प्राथिमिकी दर्ज की गई है। उसमें दो लोगों की उसी दिन गिरफ्तारी हुई है। उन्होंने तिउरी गांव में अवैध खनन के चिन्हित 6 बालू माफियाओं की बाबत सिर्फ इतना कहा कि इसे दिखवा लेते हैं।
बता दें कि मानपुर थाना क्षेत्र के तिउरी गांव से पिछले वर्ष 2017 के अगस्त-सितंबर से ही नदी के किनारे 10 एकड़ 77 डिसमिल उपजाऊ आम गैरमजरूआ जमीन जिस पर गांव के ही कुछ दबंग छवि के व्यक्तियों का कब्जा था तथा इन लोगों के द्वारा इस जमीन से गहरी खुदाई कर बालू निकासी कर बेच दिया गया।
ग्रामीणों की लिखित शिकायत पर जिला खनन पदाधिकारी ने खनन माफियाओं को चिन्हित किया एवं इन के विरुद्ध एफआइआर दर्ज करने के निर्देश को मानपुर थाना को दिए मगर उस पर मानपुर थाना के थानेदार ने एफआइआर के आदेश नहीं बता कर उसे नकार दिया।
अंततः इस मामले में नालंदा पुलिस अधीक्षक के द्वारा अवैध खनन के विरुद्ध आधी रात में खुद एक्शन में आने पर इस 6 चिन्हित खनन माफियाओं समेत 14 अवैध कारोबारियों के विरुद्ध आखिरकार मानपुर थाना में ही एफआइआर दर्ज कराया गया। जबकि पहले यहां के थानेदार अवैध खनन भू-क्षेत्र को बिहार थानान्तर्गत होने के बहाने बना कर मामले को नकार रहे थे।
बहरहाल, एफआइआर दर्ज हो जाने के सप्ताह भऱ बाद भी मानपुर थाना पुलिस एक भी नामजद बालू माफिया को नहीं पकड़ सकी है। जबकि वे नामजद सारे बालू माफिया के खुल्लेआम घुमने और पूर्वतः काले कारोबार में शामिल होने की सूचना है।