इसके पूर्व मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हवाई अड्डे पहुंचकर दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मारे गए 22 श्रद्धालुओं में से 12 लोग इंदौर के बेटमा के थे। इंदौर से इन 12 शवों को बेटमा लाया गया। जहाँ शाम एक साथ 12 चिताएं जली। उत्तरकाशी हादसे में मृत लोगों के अंतिम संस्कार में पूरा शहर उमड़ पड़ा। तीन दंपत्तियों को एक साथ मुखाग्नि दी गई।
एक साथ हुए इतने अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधाम भी छोटा पड़ गया, इसलिए शेड की जगह खुले मैदान में सभी के लिए चिताएं सजाई गई।
अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए बेटमा के अलावा आस-पास के करीब एक दर्जन गांव के लोग आए थे। चारों ओर लोगों की चीख चित्कार गूंज रही थी।
हर आंख नम थी और आंसुओं से भरी हुई। अंतिम संस्कार के लिए बेटमा के लोगों ने अपने स्तर पर लकड़ी और कंडे की व्यवस्था की। करीब 40 क्विंटल लकड़ी और एक हजार से ज्यादा कंडे लेकर वे मुक्तिधाम पहुंचे।
बता दें कि गंगोत्री धाम से लौटते समय उत्तरकाशी जिले के नलुपानी के पास मंगलवार शाम भागीरथी नदी में एक बस के गिरने से मध्यप्रदेश के रहने वाले कम से कम 21 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। यह दुर्घटना शाम करीब छह बजे हुई थी, जब बस सड़क से 300 मीटर नीचे नदी में गिर गई थी।