Home आस-पड़ोस छात्र ऋतिक हत्याकांडः अपहर्ताओं ने फिरौती में मांगी थी 50 लाख रुपये

छात्र ऋतिक हत्याकांडः अपहर्ताओं ने फिरौती में मांगी थी 50 लाख रुपये

“स्कूली छात्र ऋतिक अपहरण के मामले में जब तक पुलिस कुछ समझ पाती तबतक उसकी हत्या की जा चुकी थी। एक मई को अपह्रत ऋतिक की बरामदगी के लिए पुलिस हाथ-पैर मार रही थी। इसी बीच मुख्य आरोपी कुमार आशीष थाना से फिरार हो गया।“

हिलसा (चन्द्रकांत)। नालंदा जिले के एकंगरसराय के स्कूली छात्र ऋतिक हत्याकांड से जुड़े मामले की सुनवाई बुधवार से हिलसा के प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के कोर्ट में शुरु हो गयी।

अधिवक्ता श्यामसुंदर शर्मा ने बताया कि उक्त मामले में पहली गवाही ललन प्रसाद की हुई। गवाही के दौरान ललन ने कोर्ट को बताया कि वे बिहारशरीफ जा रहे थे। तभी रास्ते में ऋतिक के पिता ने फोन कर ऋतिक के गायब होने की बात बताई।

लौट कर आने पर देखे कि भीड़ काफी जुटी हुई है। उसी भीड़ में आशीष भी था। जिसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया। इस बीच अपहर्ताओं ने ऋतिक के परिजन के मोबाईल पर कॉल कर फिरौती के रुप में पचास लाख रुपये की मांग की।

बाद में पुलिस दीपू और कोचिंग संचालक कुंदन को गिरफ्तार किया। इन दोंनो की निशानदेही पर जहानाबाद जिले के हुलासगंज इलाके में स्थित पंचायत सरकार भवन से ऋतिक का शव बरामद हुआ।

पुलिस जब तक कुछ समझती, तब तक हो चुकी थी ऋतिक की हत्या

स्कूली छात्र ऋतिक अपहरण के मामले में जब तक पुलिस कुछ समझ पाती तबतक उसकी हत्या की जा चुकी थी। एक मई को अपह्रत ऋतिक की बरामदगी के लिए पुलिस हाथ-पैर मार रही थी। इसी बीच मुख्य आरोपी कुमार आशीष थाना से फिरार हो गया।

इस मामले में पुलिस उलझी तो लोग सड़क पर उतर गए। बढ़ते दबाब के बीच पुलिस मामले में संदिग्ध पहले दीपू और बाद में कुंदन को अपने कब्जे में लिया।

इन दोंनो की निशानदेही पर पुलिस सही ठिकाने पर पहुंच तो गया लेकिन वहां ऋतिक जिंदा नहीं बल्कि उसका सड़ा-गला लाश मिला। लोगों के रुह को कंपा देने वाली इस घटना से हर लोग मर्माहत हुआ।

मुख्य आरोपी आशीष को पकड़ने में पुलिस को करनी पड़ी थी मशक्कत

स्कूली छात्र ऋतिक हत्याकांड के मुख्य आरोपी कुमार आशीष को गिरफ्तार करने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। पुलिस अभिरक्षा से फरार हुए आरोपी आशीष की गिरफ्तारी के प्रयास तब और तेज हो गए, जब ऋतिक का शव बरामद होने के साथ-साथ उसकी संलिप्ता स्पष्ट उजागर हो गई।

इसके बाद आरोपी आशीष पर दबाब बनाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए। घर की कुर्की-जप्ती की गई। दर-दर की ठोकरें खाने को परिजन मजबूर हो गए।

बाबजूद इसके आशीष की गिरफ्तारी नहीं होने से बेचैन पुलिस के आलाधिकारी द्वारा विशेष टीम का गठन किया किया गया। विशेष टीम आरोपी आशीष के साथ-साथ उनके नजदीकी दोस्तों के अलावा रिश्तेदारों के गतिविधि पर पैनी नजर रखने लगी।

इसी क्रम में आशीष के तेलंगना में एक कम्पनी में काम करने की भनक विशेष टीम को मिली। विशेष टीम तेलंगना जाकर मजदूरों की भीड़ में से आशीष को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।

error: Content is protected !!
Exit mobile version